पानी धरती पर सबसे कीमती संसाधनों में से एक है, और इसका सही रख रखाव हर देश के लिए बहुत ज़रूरी होता है। इंडिया में, जहाँ खेती मानसून पर डिपेंड करती है, वहाँ साल भर के लिए पानी को मैनेज करना ज़रूरी हो जाता है। यहाँ पर जलाशय (डैम) की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
जलशाय किसे कहते हैं
जलशाय एक आर्टिफिशियल या नेचुरल झील होती है, जिसे पानी इकट्ठा करने के लिए बनाया जाता है। इसे किसी नदी या स्ट्रीम पर डैम बनाकर बनाया जाता है। डैम पानी के फ्लो को रोक लेता है और पीछे एक बड़ा वॉटर स्टोरेज एरिया बन जाता है।
जलाशयों के इस्तेमाल:
- सिंचाई
- पीने का पानी
- हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर
- बाढ़ कंट्रोल
- मछली पालन और टूरिज्म
आसान शब्दों में कहें तो, जलसहाय, खेती, इंडस्ट्री और रोज़ाना की इंसानी ज़रूरतों के लिए लाइफलाइन का काम करते हैं।
भारत के बड़े जलाशय
भारत के अलग-अलग राज्यों में हज़ारों बड़े जलाशय हैं। कुछ मशहूर और ज़रूरी जलाशय ये हैं:
1. गोविंद सागर जलाशय (हिमाचल प्रदेश)
- यह डैम सतलज नदी पर बनाया गया है।
- इसका इस्तेमाल सिंचाई, बिजली, पानी सप्लाई के लिए इस्तेमाल होता है।
- मछली पकड़ना और वॉटर स्पोर्ट्स के लिए भी मशहूर है।
2. हीराकुंड जलाशय (ओडिशा)
महानदी नदी पर बना यह दुनिया के सबसे लंबे जलाशयों में से एक हैं। इसकी लंबाई 55 किमी हैं। यह डैम सिंचाई, हाइड्रोपावर और बाढ़ कंट्रोल में मदद करता है।
3. नागार्जुन सागर जलाशय (तेलंगाना/आंध्र प्रदेश)
- कृष्णा नदी पर बना डैम।
- भारत की सबसे बड़ी इंसानों द्वारा बनाई झीलों में से एक।
- लाखों एकड़ की खेती को पानी देता है।
- दक्षिण भारत के लिए हाइड्रोपावर का मुख्य सोर्स।
4. इंदिरा सागर जलाशय (मध्य प्रदेश)
- नर्मदा नदी पर इंदिरा सागर डैम बना हैं।
- भारत की सबसे ज़्यादा पानी स्टोरेज कैपेसिटी हैं।
- सिंचाई, पीने का पानी, बिजली सबके लिए ज़रूरी।
5. सरदार सरोवर जलाशय (गुजरात)
नर्मदा नदी पर बना सरदार सरोवर डैम। गुजरात, MP, महाराष्ट्र और राजस्थान को पानी प्रदान करता है।
खेती, पीने का पानी और हाइड्रोपावर का बड़ा सोर्स हैं।
6. टिहरी रिज़र्वॉयर (उत्तराखंड)
- भागीरथी नदी पर टिहरी डैम बना हैं।
- यह दुनिया के सबसे ऊंचे डैम में से एक है।
- दिल्ली और आस-पास के इलाकों को पीने का पानी देता है।
- हाइड्रोपावर जेनरेशन में भी टॉप-लेवल का।
7. इडुक्की रिज़र्वॉयर (केरल)
- पेरियार नदी पर बना है।
- पहाड़ियों और जंगलों से घिरा, बहुत सुंदर जगह।
- केरल के लिए हाइड्रोपावर जेनरेट करता है।
8. मेट्टूर (स्टेनली) रिज़र्वॉयर (तमिलनाडु)
- यह कावेरी नदी पर बना हैं।
- दक्षिण भारत के सबसे पुराने रिज़र्वॉयर में से एक।
- तमिलनाडु के हज़ारों किसानों को सिंचाई देता है।
भारत में जलाशय का महत्व
भारत एक कृषि प्रधान देश है। बारिश हर जगह बराबर नहीं होती कुछ इलाकों में भारी बारिश, तो कुछ में सूखे का मौसम होता हैं। जलाशय मानसून के पानी को स्टोर करके सूखे मौसम में इस्तेमाल करने की सुविधा देते हैं।
मुख्य फ़ायदे:
- सिंचाई के लिए रेगुलर पानी की सप्लाई
- हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन
- शहरों और गांवों को पीने का पानी
- बाढ़ कंट्रोल
- टूरिज्म – बोटिंग, फिशिंग, बर्ड वॉचिंग, साइटसीइंग
- जलाशय ग्राउंडवाटर रिचार्ज करता हैं
- बायोडायवर्सिटी को भी सपोर्ट करते हैं
जल स्रोतों की चुनौतियाँ
जैसे फ़ायदे हैं, वैसे ही कुछ चुनौतियाँ भी हैं:
- डैम बनने से लोगों का विस्थापन
- जंगल और वाइल्डलाइफ़ का हैबिटैट नष्ट होना
- रिज़र्वॉयर में सिल्टिंग, जिससे स्टोरेज कम होता है
- इंडस्ट्रियल और इंसानी गतिविधियों से पानी का प्रदूषण
इसलिए भारत एनवायरनमेंट-फ़्रेंडली और सस्टेनेबल वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम पर फ़ोकस कर रहा है। जलाशय मॉनसून के पानी को स्टोर करता है, जिसे साल भर इस्तेमाल किया जा सकता हैं। यह खेती, पीने का पानी, हाइड्रोपावर, फ़्लड कंट्रोल और टूरिज़्म सबको सपोर्ट करता हैं।
आगे चलकर, अगर हम इन जलाशयों को प्रदूषण, अधिक उपयोग और वनों की कटाई से बचाएंगे, तो ये आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य जल संसाधन बने रहेंगे।

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