वे तत्व जिनके आधार पर नाम ( अर्थात् संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण) या संज्ञा का रूपान्तरण होता है, उनको विकारक तत्व भी कहते हैं । वस्तुतः वाक्य में शब्द की जो स्थिति होती है, उसके आधार पर ही उसमें विकार आत…
विकारी व अविकारी शब्दों के आशय स्पष्ट करते हुए उसके भेदों को बताइए। विकारी शब्द - जिन शब्दों के रूप वाक्यों के अर्थानुसार बदलते रहते हैं, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं। जैसे—(क) लड़की ने फल तोड़ा। …
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भाषा की विशेषताओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। वर्तमान आधुनिक युग में दूरदर्शन, रेडियो, दूरभाष, टेलीप्रिंटर, टेलीग्राफ, अंतरिक्ष प्रसार, इंटरनेट, फैक्स, कम्प्यूटर पर प्रयुक्त भाष…
भाषा, समाचार लेखन का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है। समाचार लेखक को सरल सुबोध भाषा शैली में छोटे-छोटे वाक्यों तथा प्रचलित शब्द समूहों का ही प्रयोग करना चाहिए। समाचार पत्रों की भाषा को समझाइए। अनुवाद करते …
प्रिंट मीडिया पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। अखबारों, पत्र-पत्रिकाओं को प्रिंट मीडिया के अंतर्गत माना जाता है। इसे लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ भी माना जाता है। समाचारों एवं विचारों के सम्प्रेषण का सब…
मीडिया को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है - प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रिंट मीडिया समाचार प्रेषण एवं प्राप्ति का परम्परागत माध्यम है। दैनिक समाचार पत्रों, पत्रिकाओं के रूप इनका प्रकाश…
आकाशवाणी शब्द भारतवर्ष के केन्द्रीय सरकार द्वारा संचालित बेतार से कार्यक्रम संचालित करने वाली राष्ट्रीय, देश-व्यापक अखिल भारतीय संस्था के लिए व्यवहार में लाया जाता है। 8 जून सन् 1936 को इस संस्था की…
अनुस्मारक को अंग्रेजी भाषा में 'रिमाइन्डर' कहा जाता है । इसका प्रयोग स्मरण कराने के लिए - या याद दिलाने के लिए किया जाता है। कभी-कभी भूलवश या अन्य किसी कारण से अधीनस्थ कार्यालयों के द…
प्रतिवेदन की परिभाषा इस प्रकार दी जा सकती है“किसी व्यक्ति, वस्तु एवं घटना के सोद्देश्य सूक्ष्म निरीक्षण के बाद तैयार किया गया वह सम्पूर्ण विवरण प्रतिवेदन कहलाता है। जो उस व्यक्ति, वस्तु एवं घटना की व…
कार्यालयीन पत्र – कार्यालयीन पत्र उस पत्र को कहा जाता है जो दो स्वतंत्र निकायों के बीच व्यवहार होते हैं। इस प्रकार के पत्रों में प्रेषक सम्बोधन का प्रयोग करता है। क्योंकि ये पत्र संगठन क…
औपचारिक एवं अनौपचारिक पत्रों के लेखन में शैलीगत अंतर होता है। अनौपचारिक पत्रों के लेखन में प्राय: वार्तालाप की शैली ही महत्वपूर्ण होती है और पत्र लेखक की अपनी व्यक्तिकताएँ उभरकर सामने आती हैं…
मानक से तात्पर्य एक निश्चित माप या स्थिर किया हुआ सर्वमान्य मान से है। जिसके आधार पर किसी भी योग्यता, श्रेष्ठता एवं गुण आदि का अनुमान या कल्पना की जाये। मानक शब्द अंग्रेजी के स्टैण्डर्ड के प्रति शब्द…
किसी भी कार्यालय से संबंधित कोई राजकार्य की सूचना संप्रेषण को अधिसूचना कहा जाता है। प्राय: अधिसूचना सर्वसाधारण के लिए निकाली जाती है। जिन्हें अभिलेख रिकार्ड के रूप में स्थायित्व करने के लिए प्रकाशित …
अधिसूचना शब्द को अंग्रेजी में नोटिफिकेशन कहा जाता है। कार्यालय से संबद्ध राजकार्य विषयक सूचनाओं को अधिसूचना कहा जाता है। ये अधिसूचनाएँ सर्वसाधारण के लिए निकाली जाती हैं। जिन्हें अभिलेख के रूप में र…
आदेश कार्यालयीन भाषा का एक प्रकार है। सरकार जब अपने सभी कर्मचारियों को किसी राष्ट्रीय या प्रान्तीय निर्णय के अनुरूप कार्य करने हेतु बाध्य करना चाहती है। तब आदेश देती है। सामान्यतः वित्तीय स्वीकृतियो…
भाषा संस्कृत के भाष् धातु से बनी है, जिसका अर्थ व्यक्त वाणी होता है। वास्तव में भाषा वह सशक्त माध्यम है। जिसके द्वारा विचारों का विनिमय किया जा सकता है। सामान्य रूप में जिन ध्वनि और चिन्हों के माध्यम…
व्यापारिक पत्रों से आशय ऐसे पत्रों से है, जो व्यापारियों के मध्य, व्यापारी एवं ग्राहकों के मध्य और कभी-कभी सुविधा की प्राप्ति या शिकायत करने के संदर्भ में व्यापारियों द्वारा सरकारी एवं अर्द्धसरकारी स…
वर दे, वीणावादिनी वर दे। भारत में भर दे! काट अन्ध उर के बन्धन स्तर बहा जननि, ज्योतिर्मय निरक्षर कलुष-भेद, तम हर प्रकाश भर जगमग जग कर दे! प्रिय स्वतन्त्र - रव अमृत मन्त्र नव सन्दर्भ: प्रस्तुत पद्य…
वे शब्द होते है जिसका अर्थ सामान या एक जैसे होते है। उदहारण : सूर्य के लिए प्रयोग किये जाने वाले शब्द सूर्य, दिनकर, भानु, सूरज आदि है। अर्थात किसी शब्द-विशेष के लिए प्रयुक्त समानार्थक शब्दों क…
मैं जीर्ण-साज बहु छिद्र आज, मैं हूँ केवल पदतल-आसन, तुम सहज विराजे महाराज। ईर्ष्या कुछ नहीं, मुझे, यद्यपि, मैं ही बसंत का अग्रदूत, ब्राह्मण समाज में ज्यों अछूत मैं रहा आज यदि पार्श्वच्छवि। तुम स…