जल विद्युत शक्ति दुनिया में रिन्यूएबल एनर्जी के सबसे ज़रूरी सोर्स में से एक है। यह गतिमान या गिरते पानी से पैदा होने वाली एनर्जी होती है और इसका इस्तेमाल बिजली बनाने के लिए किया जाता है। एनर्जी का यह रूप क्लीन, रिन्यूएबल और एफिशिएंट होता है, जो इसे सस्टेनेबल डेवलपमेंट का एक ज़रूरी हिस्सा बनाता है। भारत जैसे देश के लिए, जलविद्युत शक्ति एनर्जी की ज़रूरतों को पूरा करने, खेती को बढ़ावा देने और एनवायरनमेंट की सुरक्षा करने में एक बहुत ही ज़रूरी रोल निभाती है।
जलविद्युत शक्ति क्या होती है?
जलविद्युत शक्ति का मतलब होता है पानी से बिजली बनाना। इसका बेसिक प्रिंसिपल काफी सिंपल है - जब पानी किसी ऊपर वाले एरिया से नीचे की तरफ बहता है, तो उसमें एनर्जी होती है। इसी एनर्जी का इस्तेमाल करके टर्बाइन घूमता है, और वही टर्बाइन जेनरेटर को चलाकर बिजली बनाता है।
हाइड्रोपावर प्लांट अक्सर नदियों, झरनों या बांध के पास बनाए जाते हैं जहाँ पानी तेज़ी से बहता है। बहते हुए पानी की ताकत बड़े टर्बाइन को घुमाती है, जो जेनरेटर से कनेक्टेड होते हैं। जेनरेटर मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिक एनर्जी में कन्वर्ट कर देता है। फिर ये बिजली के तार घरों, स्कूलों, फैक्ट्रियों और ऑफिस तक पहुंचाए जाते हैं।
हाइड्रोपावर प्लांट कैसे काम करता है?
हाइड्रोपावर प्लांट के 3 मुख्य हिस्से होते हैं:
1. बांध
एक बांध किसी नदी पर बनाया जाता है जिसमें पानी इक्ट्ठा किया जाता है। ऊपर स्टोर हुआ पानी पोटेंशियल एनर्जी रखता है।
2. टर्बाइन
जब पानी छोड़ा जाता है, तो वो पेनस्टॉक नाम के बड़े पाइप से हाई स्पीड में गुजरता है। पानी की तेज़ तफ्तार टर्बाइन के ब्लेड को घुमाती है, जिससे मैकेनिकल एनर्जी बनती है।
3. जेनरेटर
टर्बाइन एक जेनरेटर से जुड़ा होता है। जब टरबाइन घूमता है, तो जनरेटर मैकेनिकल एनर्जी को बिजली में बदल देता है। इस तरह बनी बिजली फिर शहरों और गांवों तक पहुंचती है।
जलविद्युत ऊर्जा के फायदे
1. रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स - जलविद्युत ऊर्जा एक रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स है जो नेचर से लगातार मिलती रहती है और खत्म नहीं होती। पानी बार-बार खुद को रिन्यू कर लेते हैं, जिसके कारण बिजली बनाने से पॉल्यूशन भी नहीं होता है।
2. क्लीन और ग्रीन एनर्जी - यह कार्बन डाइऑक्साइड जैसी नुकसानदायक गैसें पैदा नहीं करता। इससे पॉल्यूशन और ग्लोबल वार्मिंग कम होती है।
3. भरोसेमंद और कुशल - एक बार प्लांट बन जाए, तो वो बहुत कम लागत में सालों तक बिजली दे सकता है।
4. सिंचाई और पानी की सप्लाई में मदद - हाइड्रोपावर डैम से खेती के लिए पानी और पीने का पानी भी मिलता है।
5. बाढ़ कंट्रोल - डैम ज़्यादा बारिश के टाइम एक्स्ट्रा पानी को स्टोर करके धीरे-धीरे छोड़ते हैं, जिससे बाढ़ का खतरा कम होता है।
जलविद्युत ऊर्जा के नुकसान
1. ज़्यादा कंस्ट्रक्शन कॉस्ट
डैम और पावरहाउस बनाने में बहुत ज़्यादा पैसा, टाइम और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी लगती है।
2. एनवायर्नमेंटल इम्पैक्ट
बड़े डैम से जंगल और गाँव पानी में डूब जाते हैं। लोगों को शिफ्ट होना पड़ता है, वाइल्डलाइफ हैबिटैट भी खराब होता है।
3. बारिश पर डिपेंड
अगर कम बारिश हो या सूखा आ जाए, तो बिजली प्रोडक्शन कम हो जाता है।
4. रिवर इकोसिस्टम पर असर
नेचुरल रिवर फ्लो बदलने से मछलियाँ और एक्वेटिक प्लांट्स पर बुरी असर पड़ सकती है।
भारत में जलविद्युत ऊर्जा
भारत में नदियों और पहाड़ी इलाकों की वजह से हाइड्रोपावर की बहुत पोटेंशियल है। ज़्यादातर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स हिमालयी राज्यों और नॉर्थ-ईस्ट में हैं जहाँ नदियाँ खड़ी ढलान से तेज़ बहती हैं।
हाइड्रोपावर वाले राज्य:
| क्रमांक | राज्य |
|---|---|
| 1 | हिमाचल प्रदेश |
| 2 | उत्तराखंड |
| 3 | जम्मू और कश्मीर |
| 4 | अरुणाचल प्रदेश |
| 5 | सिक्किम |
| 6 | असम |
| 7 | केरल |
| 8 | कर्नाटक |
| 9 | ओडिशा |
जिन राज्यों में तेज़ बहने वाली नदियाँ और ऊँचाई दोनों मिलते हैं - हाइड्रोपावर के लिए एकदम सहीहोते हैं।
भारत के मशहूर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स
- भाखड़ा नांगल डैम – सतलुज नदी (हिमाचल प्रदेश)
- टिहरी डैम – भागीरथी नदी (उत्तराखंड)
- सरदार सरोवर डैम – नर्मदा नदी (गुजरात)
- हीराकुंड डैम – महानदी (ओडिशा)
- इडुक्की डैम – पेरियार नदी (केरल)
भारत का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट कौन सा है?
टिहरी डैम प्रोजेक्ट (उत्तराखंड)
- ऊँचाई: ~260 मीटर
- एक दुनिया के सबसे ऊँचे डैम में से एक।
- इंस्टॉल्ड कैपेसिटी: 2400+ MW
- बिजली, सिंचाई और पीने का पानी — सब प्रोवाइड करता है।
दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोड्यूसर कौन है?
चीन दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोड्यूसर है।
यहाँ थ्री गॉर्जेस डैम (यांग्त्ज़ी नदी) दुनिया की सबसे पावरफुल हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में से एक है, जो 22,500 MW से ज़्यादा बिजली जेनरेट कर सकता है।
चीन के बाद:
ब्राज़ील, कनाडा, USA और इंडिया टॉप प्रोड्यूसर हैं।
जलविद्युत ऊर्जा दुनिया के सबसे भरोसेमंद और क्लीन एनर्जी सोर्स में से एक है। यह सिंपल बहते पानी को बिजली में बदलकर शहरों को रोशन करता है और इंडस्ट्रीज़ को एनर्जी देता है।
इंडिया की नदियां और पहाड़ी इलाके इस फील्ड में हमें एक मजबूत पोजीशन देते हैं। टिहरी और भाखड़ा जैसे प्रोजेक्ट्स सिर्फ बिजली नहीं, बाल्की इरिगेशन, फ्लड कंट्रोल और वॉटर सप्लाई में भी अहम रोल निभाते हैं।
स्वच्छ फ्यूचर के लिए ज़रूरी है कि हम अपनी नदियों को बचाएं और एनवायरनमेंट-फ्रेंडली प्रोजेक्ट्स बनाएं। जलविद्युत एनर्जी यह दिखाती है कि नेचर और टेक्नोलॉजी मिलकर एक सस्टेनेबल और ब्राइट फ्यूचर बना सकते हैं।
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