गंगा नदी कहा से निकलती है - ganga nadi

गंगा नदी भारत के लोगो के लिए नदी मात्र नहीं है बल्कि इसे माँ का दर्जा दिया गया है। कई ग्रंथो में गंगा नदी को पवित्र नदी मन गया है लेकिन आज ये नदी प्रदूषित हो रहा है। आज हमें गंगा को पहले की तरह प्रवित्र करना होगा। फैक्ट्री से निकलने वाले गंदे पानी को नदियों में न छोड़कर उसे फिर यूज़ करने लायक बनाना चाहिए। 

गंगा नदी से जुड़े कई जानकारी आपको इस पोस्ट में मिलेगा। गंगा कहा से निकलती है इसकी सहायक नदिया कौन कौन सी है। गंगा नदी का नाम गंगा कैसे पड़ा आदि। 

गंगा नदी कहा से निकलती है 

गंगा नदी हिमालय के गंगोत्री हिमनद से निकलती है। ये उत्तराखंड में राज्य में स्थित है। हमालय से निकलकर ऋषिकेश कानपूर अलाहबाद वाराणसी पटना कलकत्ता उसके बाद समुद्र में जाकर मिल जाता है। गंगा नदी के किनारे कई शहर बसे हुए है। जो सांस्कृतक और धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। 

गंगा नदी भारत और बांग्लादेश में बहने वाली नदी है। इसकी कुल लम्बाई 2,525 किलोमीटर है। यह नदी उत्तराखंड राज्य के पश्चिमी हिमालय में बहती है, और उत्तर भारत के गंगा के मैदान से होकर बांग्लादेश में पहुंच जाती है। जहां पर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है।

गंगा हिंदुओं की सबसे पवित्र नदी है। यह उन लाखों भारतीयों के लिए एक जीवन रेखा है जो इसके तट पे रहते हैं और अपनी दैनिक जरूरतों के लिए इस पर निर्भर हैं। इसे हिंदू धर्म में देवी गंगा के रूप में पूजा जाता है। 

गंगा नदी के किनारे कई प्राचीन राजधानिया बसी थी जैसे पाटलिपुत्र,  कन्नौज, कारा, काशी, पटना, हाजीपुर, मुंगेर, भागलपुर, मुर्शिदाबाद, बहरामपुर, काम्पिल्य, और कोलकाता आदि। गंगा का मुख्य तना देवप्रयाग शहर में शुरू होता है, भागीरथी और अलकनंदा इसकी स्रोत धारा है। इन नदियों के संगम से गंगा नदी का का निर्माण होता है।

गंगा नदी प्रदूषण के कारण

गंगा नदी पर गंभीर प्रदूषण का खतरा है। इससे न केवल इंसानों को बल्कि जानवरों को भी खतरा होता है। गंगा नदी मछलियों की लगभग 140 प्रजातियों और उभयचरों की 90 प्रजातियों का घर है। नदी में स्तनधारी जीव भी पाए जाते हैं। जिनमें लुप्तप्राय प्रजातियाँ भी शामिल हैं जैसे घड़ियाल और दक्षिण एशियाई नदी डॉल्फिन।

गंगा नदी कहा से निकलती है

वाराणसी के पास नदी में मानव अपशिष्ट से बैक्टीरिया का स्तर भारत सरकार की आधिकारिक सीमा से सौ गुना से भी अधिक होता है। गंगा को साफ करने के लिए  गंगा एक्शन प्लान की पहल की गयी थी जो विफल रहा है। जिसका प्रमुख कारण भ्रष्टाचार, सरकार में इच्छाशक्ति की कमी, खराब तकनीकी विशेषज्ञता,  पर्यावरण नियोजन और मूल धार्मिक अधिकारियों के समर्थन की कमी है।

पौराणिक धारना 

सागर के 60 हजार पुत्रो को ऋषि दुर्वाशा ने कुछ कारण वस् श्राप देकर मार दिया था। उन सभी के आत्मा को मुक्ति दिलाने के लिए भागीरथी ने गंगा नदी को धरती पर लेन के लिए भगवान ब्रम्हा की हजारो साल तपस्या किया तब गंगा का धरती पर आगमन हुआ। और भागीरथी के 60 हजार पूर्वजो को मुक्ति मिली थी। 

गंगा नदी की लम्बाई कितनी है 

गंगा नदी हिमालय उत्तराखण्ड से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैला हुआ है जिसकी कुल लम्बाई 2525 किमी है। जो हजारो किमी की भूमि को सिंचित करता है। इस नदी में कई प्रकार की मछली की प्रजाति पायी जाती है। इस नदी के पुराणों ग्रंथो में उल्लेख मिलता है। जो गंगा नदी की गरिमा का बखान करती है। ये नदी उत्तर से पूर्व की ओर बहती है।  इसकी समुद्र से उचाई 3892 मीटर है।

गंगा की सहायक नदियाँ

गंगा की सहायक नदियाँ - यमुना काकशी रामगंगा ताप्ती कर्णाली गंदक कोसी चम्बल बेतवा केन और दक्षिणी तोस है ये सभी नदिया गंगा की प्रमुख सहायक नदिया है। 

गंगा हिमालय से दक्षिण और पूर्व की ओर बहती है, पहाड़ से निकलते ही एक घाटी का निर्माण करती है। यह उत्तर भारत में बहते हुए बंगाल की खाड़ी में खाड़ी में खो जाती है। गंगा की कई सहायक नदियाँ नेपाल, बांग्लादेश और चीन (तिब्बत) के आस-पास के क्षेत्रों से निकलती हैं।

गंगा नदी उत्तरी भारत से होकर गुजरती है और हिंदू धर्म का पालन करने वालों के लिए यह पवित्र नदी है। भारत में चार सौ मिलियन से अधिक लोग इसके क्षेत्र में रहते हैं जिसे गंगा बेसिन के रूप में जाना जाता है। एक नदी बेसिन एक ऐसा क्षेत्र है जो एक नदी द्वारा बहाया जाता है, जैसे कि गंगा, और उसकी कोई भी सहायक नदी। इसका मतलब है कि बेसिन क्षेत्र में सतही जल और वर्षा जल से नदियों में प्रवाहित होता है।

गंगा नदी पर बनाये गए बांध पहला है। पश्चिम बंगाल में बनाये गए फरक्का बांध जहा पर गंगा नदी के पानी को रोका जाता है और बिजली उत्त्पन करने के साथ फसल की सिचाई की जाती है। ये बांध पश्चिम बंगाल के विकाश में महत्वपूर्ण रहा है।

टिहरी बांध यह उत्तराखंड में टिहरी स्थान पर बनाया गया है। ये गंगा की सहायक नदी भागीरथी पर बनाया गया है। इसके अलावा भीमगोड़ा बांध हरिद्वार में बनाया गया है।

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