वे तत्व जिनके आधार पर नाम ( अर्थात् संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण) या संज्ञा का रूपान्तरण होता है, उनको विकारक तत्व भी कहते हैं । वस्तुतः वाक्य में शब्द की जो स्थिति होती है, उसके आधार पर ही उसमें विकार आता है। इस प्रकार यदि गहराई से देखा जाये तो नाम के विकारक तत्व वचन और कारक हैं।
लड़का शब्द के चारों रूप-लड़का, लड़के, लड़कों, लड़को वचन और कारकों के कारण ही बने। अकारान्त विशेषणों के रूप भी इन्हीं दो तत्वों के आधार पर बदलते हैं।
संज्ञाओं के रूपान्तर का क्या अर्थ है ? संज्ञाओं के रूपान्तर के प्रकारों का संक्षेप में परिचय दीजिए।
स्त्रीलिंग हो चाहे पुल्लिंग उसमें वचन और कारकों के कारण होने वाले रूपान्तरण समान है। लिंग और वचन के कारण समान स्तर पर परिवर्तन केवल क्रिया पदों में ही होता है।
जैसे— करता है, करतीं है, करती है, करते हैं। वचन के अन्तर्गत एक वचन एवं बहुवचन के अनुसार रूपान्तर होता है जैसे- मैं (एकवचन), हम (बहुवचन)।
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