खोलता इधर जन्म लोचन, अभी उत्सव और हास हुलास अभी अवसाद अश्रु, उच्छवास! अचिरता देख जगत की आप शून्य भरता समीर निःश्वास, डालता पातों पर चुपचाप ओस के आँसू नीलाकाश; सिसक उठता समुद्र का मन, सिहर उठते उड…
पन्तजी प्रमुखतः तथा मूलतः प्रेम, सौन्दर्य और जीवन की कोमलतम भावनाओं के ऐसे कवि हैं, जिनमें सुकुमारता अपनी चरम सीमा पर विद्यमान है। पन्तजी का जन्म ही रोमाण्टिक युग में हुआ। स्वर्गीय प्रसादजी ने जिस यु…
ध्वनि विस्तारक यंत्र पर रोक लगाने हेतु आवेदन पत्र लिखने के लिए अक्सर परीक्षा मे आता हैं। यदि आपके मोहल्ले मे यह समस्या आ रही हैं तो आप अपने जिलाधीश को इस बारे मे पत्र लिख सकते हैं। जिसका प्रारूप नीचे…
1.भारतमाता ग्रामवासिनी खेतों में फैला है श्यामल धूल भरा मैला सा आँचल गंगा-यमुना में आँसू जल मिट्टी की प्रतिमा उदासिनी।। संदर्भ - प्रस्तुत कविता की पंक्तियाँ पन्तजी की प्रसिद्ध रचना भारतमाता से अ…
प्रयोगवाद और नयी कविता के कवियों में अज्ञेय जी का योगदान महत्वपूर्ण है। यह आलोचक अज्ञेय को एक प्रबुद्ध कलाकार से अधिक प्रयोगवाद प्रवर्तक मानते हैं। अज्ञेय की काव्यगत विशेषता अज्ञेय का पूरा …
प्रगतिवाद क्या है प्रगति की अंग्रेजी के प्रोग्रेस से उत्पत्ति मानी जाती है, जिसका अर्थ होता है आगे बढ़ना हैं, किन्तु साहित्य में वाद के साथ जुड़कर यह प्रगतिवाद शब्द बन गया है। प्रगतिवाद…
भारतीय संस्कृति की तात्विक विशेषताओं को अपने प्रबन्ध काव्यों के माध्यम से व्याख्यायित करने और अपनी रचनाओं के द्वारा राष्ट्र भक्ति का आह्वान करने के कारण मैथिलीशरण गुप्त 'राष्ट्र कवि ' के रूप …
हरिऔध जी का व्यक्तित्व ऋषियों के समान महान् था। उनके रहन-सहन और आचार-व्यवहार से सरलता और सौम्यता टपकती थी। पुराने आदर्शों और प्राचीन संस्कृति से प्रेम होते हुए वे नवीन प्रगतिशील विचारों के समर्थक थे।…
अंधेर नगरी भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा लिखित एक क्लासिक हिंदी नाटक है, जिन्हें अक्सर "आधुनिक हिंदी साहित्य का पिता" माना जाता है। यह नाटक कुशासन की मूर्खता और सत्ता का आँख मूंदकर अनुसरण करने…
एकांकी के शिल्प-विधान अर्थात् एकांकी के तत्वों की दृष्टि से भारतीय एवं पाश्चात्य विद्वानों के विचारों में पर्याप्त अन्तर दिखाई देता है। भारतीय एकांकी शास्त्रियों ने एकांकी के निम्नलिखित तत्व स्वीकार …
डॉ.रामकुमार वर्मा हिन्दी एकांकी साहित्य में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थान के अधिकारी हैं। कुछ विद्वान यह भी मानते हैं कि डॉ. रामकुमार वर्मा ने ही हिन्दी एकांकी को जन्म दिया। डॉ. वर्मा ने प्रमुखतः सामाज…
श्री लक्ष्मीनारायण मिश्र - हिन्दी साहित्य के प्रमुख नाटककार श्री लक्ष्मीनारायण मिश्र का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। उनकी अनेक कृतियाँ पाठकों और दर्शकों के मन पर अमिट छाप छोड़ती हैं। उनके द्व…