बाल्टिक सागर कहां स्थित है - Baltic Sea

बाल्टिक सागर कहां स्थित है - Baltic Sea

बाल्टिक सागर अटलांटिक महासागर का एक भाग है। यह डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, जर्मनी, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, रूस और स्वीडन जैसे देशों से घिरा हुआ है। यह दुनिया का सबसे बड़ा खारे पानी का सागर माना जाता है।

यह सागर लगभग 53° से 66° उत्तरी अक्षांश और 10° से 30° पूर्वी देशांतर के बीच फैला है। बाल्टिक सागर अटलांटिक महासागर से सीमित रूप से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे एक अंतर्देशीय सागर भी कहा जाता है। यह डेनमार्क के जलडमरूमध्यों के माध्यम से कैटेगट सागर से जुड़ता है।

बाल्टिक सागर में कई खाड़ियाँ शामिल हैं, जैसे बोथनिया की खाड़ी, फिनलैंड की खाड़ी, रीगा की खाड़ी और डांस्क की खाड़ी

इसके अलावा, बाल्टिक सागर कृत्रिम नहरों के माध्यम से अन्य सागरों से भी जुड़ा है। व्हाइट सागर से यह व्हाइट सागर–बाल्टिक नहर द्वारा और उत्तरी सागर से कील नहर के माध्यम से जुड़ता है।

शब्द-व्युत्पत्ति और नामकरण

बाल्टिक सागर नाम की उत्पत्ति पूरी तरह से ज्ञात नहीं है। प्राचीन रोमन लेखक टैसिटस ने इसे सुएबिक सागर कहा था, जो सुएबी नामक जर्मनिक लोगों से जुड़ा था। वहीं भूगोलवेत्ता टॉलेमी ने इसे सार्मेटियन महासागर कहा, जो सार्मेटियन लोगों के नाम पर था।

बाल्टिक सागर नाम का सबसे पहला उल्लेख 11वीं शताब्दी के जर्मन इतिहासकार एडम ऑफ़ ब्रेमेन ने किया था। माना जाता है कि यह नाम जर्मनिक शब्द बेल्ट से जुड़ा हो सकता है, जो डेनमार्क के जलडमरूमध्यों के लिए प्रयोग होता है। कुछ लोग मानते हैं कि यह नाम लैटिन शब्द बाल्टेस से आया है। एडम ऑफ़ ब्रेमेन ने समुद्र की तुलना एक बेल्ट से की थी, क्योंकि यह ज़मीन के बीच बेल्ट की तरह फैला हुआ है।

भूगोल

बाल्टिक सागर नॉर्थ अटलांटिक महासागर का एक भाग है। इसके पश्चिम में स्वीडन और डेनमार्क, उत्तर-पूर्व में फिनलैंड और दक्षिण-पूर्व में बाल्टिक देश स्थित हैं।

यह सागर लगभग 1,600 किलोमीटर लंबा और औसतन 193 किलोमीटर चौड़ा है। इसकी औसत गहराई करीब 55 मीटर है, जबकि सबसे अधिक गहराई 459 मीटर है, जो स्वीडन की ओर स्थित है। बाल्टिक सागर का कुल क्षेत्रफल लगभग 3.5 लाख वर्ग किलोमीटर है और इसकी तटरेखा करीब 8,000 किलोमीटर लंबी है।

क्षेत्रफल के आधार पर बाल्टिक सागर दुनिया के सबसे बड़े खारे पानी वाले अंदरूनी समुद्रों में से एक है। यह एक ऐसे बेसिन में स्थित है, जिसका निर्माण पिछले हिमयुगों के दौरान ग्लेशियरों के कटाव से हुआ था।