जापान का इतिहास - History of japan

जापान एशिया में स्थित एक द्वीप देश है। जिसकी सीमा पश्चिम में जापान सागर और उत्तर में ओखोटस्क सागर, पूर्वी में चीन सागर और दक्षिण में ताइवान तक फैला हुआ है। जापान प्रशांत रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है। जो प्रशांत महासागर में स्थित सक्रिय ज्वालामुखी और भूकंप वाला क्षेत्र है।

जापान 6852 द्वीपों का एक समूह है। इसके पांच मुख्य द्वीप होक्काइडो, होन्शु, शिकोकू, क्यूशू और ओकिनावा हैं।टोक्यो देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। अन्य प्रमुख शहरों में ओसाका और नागोया शामिल हैं। जापान की जनसंख्या 12.7 मिलियन है। उनमें से ज्यादातर बौद्ध और शिन्तो धर्म के मानने वाले हैं।

जापान दुनिया का ग्यारहवां सबसे अधिक आबादी वाला देश है। देश का लगभग तीन-चौथाई इलाका पहाड़ी है। जापान प्रशासनिक रूप से 47 प्रान्तों में विभाजित है और पारंपरिक रूप से आठ क्षेत्रों में विभाजित है। ग्रेटर टोक्यो क्षेत्र दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला महानगर है। जिसमें 37.4 मिलियन से अधिक लोग रहते हैं।

जापान का इतिहास

पौराणिक कथाओं के अनुसार जिम्मु नाम के एक सम्राट का जन्म 980 ईसा पूर्व में हुआ था। वे जापान के प्रथम राजा थे जिन्होंने जापान को बसाया था। तीसरी या चौथी शताब्दी में 'यायातस' ​​नामक जाति ने दक्षिणी जापान में अपना वर्चस्व स्थापित किया। 5 वीं शताब्दी में चीन और कोरिया के संपर्क बढ़ने के साथ जापान में चीनी लिपियों, चिकित्सा विज्ञान और बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ।

जापान का इतिहास - History of japan

चौथी शताब्दी के आसपास, कोरियाई प्रायद्वीप के यायोई लोग जापानी द्वीपसमूह में आकर बस गए और उन्होंने लौह उद्योग और कृषि सभ्यता की शुरुआत की। ययोई की आबादी तेजी से बढ़ने लगी जबकि जापानी द्वीपसमूह के मूल निवासी जोमोन लोग शिकार पर निर्भर थे।

चौथी शताब्दी और नौवीं शताब्दी के बीच, जापान के कई राज्यों और जनजातियों को धीरे-धीरे एकीकृत किया गया। उस समय स्थापित शाही राजवंश की परंपरा आज भी जापान में मौजूद है। 794 में हियान-क्यो (आधुनिक क्योटो) में एक नई शाही राजधानी की स्थापना की गई, जो हेन काल की शुरुआत थी। हियान काल को जापानी संस्कृति का स्वर्ण युग माना जाता है।

असुका काल की शुरुआत 537 ईस्वी में बौद्ध धर्म के प्रचार के साथ हुई थी। तब से बौद्ध जापान का मूल धर्म है। जिसे जापान में शिनबुत्सु-शोगो के नाम से जाना जाता है।

बौद्ध सोगा कबीले ने 580 के दशक में सरकार पर कब्जा कर लिया और लगभग साठ वर्षों तक जापान को नियंत्रित किया। प्रिंस शोटोकू बौद्ध धर्म को मानते थे, जो सोगा वंश के शासक थे। जापानी शासको ने चीन से नीति सीखी लेकिन सत्ता का हस्तांतरण परिवारों तक ही सीमित था। 7 वीं शताब्दी में कुछ कारण वस राजधानी को नारा से क्योटो में स्थापित किया गया।

मिनमोटो जाति के एक नेता योरिटोमेन ने 1192 में कामाकुरा में सैन्य शासन स्थापित किया। इसके कारण सामंतवाद का उदय हुआ, जो लगभग 400 वर्षों तक चला। इस समय शासन सैन्य शक्ति के हाथों में था। राजा के पास नाममात्र की शक्तियाँ थी।

6 और 9 अगस्त 1945 को संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराया था। इस हवाई बमबारी में 129,000 से 226,000 के बीच लोग मारे गए थे। जिनमें से अधिकांश नागरिक थे। नागासाकी पर बमबारी और जापान के खिलाफ सोवियत संघ की युद्ध की घोषणा के छह दिन बाद 15 अगस्त को जापान ने मित्र राष्ट्रों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और 2 सितंबर को युद्ध को समाप्त कर दिया।

1945 में जापान के आत्मसमर्पण के बाद, देश पर मित्र देशों की सेना का कब्जा हो गया था। इसके बाद जापान में लोकतंत्रीकरण और आर्थिक पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुयी। 1947 में एक संसदीय प्रणाली की स्थापना हुए और नया संविधान बनाया गया था। जापान ने अपनी अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया और एक औद्योगिक महाशक्ति के रूप में उभरा।

1950 से 1980 के दशक तक, जापान ने तेजी से आर्थिक विकास किया, जिसे "Japanese Economic Miracle." कहा जाता है। देश ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य वस्तुओं के निर्यात के लिए जाना जाता है। जापानी कंपनियों का विश्व स्तर पर विस्तार हुआ।

जापान का राष्ट्रीय खेल

जापान में खेल जापानी संस्कृति का एक अभिन्न अंग हैं। सूमो और मार्शल आर्ट जैसे पारंपरिक खेल और बेसबॉल और फुटबॉल लोकप्रिय हैं। सूमो कुश्ती को जापान का राष्ट्रीय खेल माना जाता है। 

बेसबॉल चैम्पियनशिप सभी उम्र के लोगो के लिए औसर प्रदान करता हैं। किंडरगार्टन और प्राथमिक विद्यालय के छात्र खेल क्लब में खेल सकते हैं। अधिकांश मार्शल आर्ट्स को 5 से 6 साल तक  वाले भाग ले सकते है और शिख सकते है। 5 वीं कक्षा के बाद छात्रों के भाग लेने पर मुफ्त स्कूल सुविधा दी जाती है। 

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