बायोगैस ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में कार्बनिक पदार्थों के टूटने से उत्पन्न गैसों का मिश्रण है मुख्य रूप से मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड से मिलकर बनता है। बायोगैस का उत्पादन कच्चे माल जैसे कृषि अपशिष्ट, खाद, नगरपालिका अपशिष्ट, संयंत्र सामग्री, सीवेज, हरे कचरे या खाद्य अपशिष्ट से किया जा सकता है। बायोगैस एक अक्षय ऊर्जा स्रोत है। भारत में, इसे "गोबर गैस" के रूप में भी जाना जाता है।
बायोगैस का निर्माण मेथोजन या एनारोबिक जीवों के साथ अवायवीय पाचन द्वारा किया जाता है, जो एक बंद प्रणाली के अंदर सामग्री को पचाता है। बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों के किण्वन से उत्पन्न होता है। इस बंद प्रणाली को एनारोबिक डाइजेस्टर, बायोडीजेस्टर या बायोरिएक्टर कहा जाता है।
बायोगैस में मुख्य रूप से मीथेन (CH) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO) और हाइड्रोजन सल्फाइड (एच) की थोड़ी मात्रा हो सकती है।
मीथेन, हाइड्रोजन और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) को ऑक्सीजन के साथ ऑक्सीकरण किया जा सकता है। यह ऊर्जा रिलीज बायोगैस को ईंधन के रूप में उपयोग करने की अनुमति देती है। यह रसोई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे खाना पकाने। इसका उपयोग गैस इंजन में गैस को ऊर्जा में बिजली और गर्मी में परिवर्तित करने के लिए भी किया जा सकता है।
कार्बन डाइऑक्साइड को हटाने के बाद बायोगैस को संपीड़ित किया जा सकता है। उसी तरह जैसे प्राकृतिक गैस सीएनजी के लिए संपीड़ित होती है। मोटर वाहनों में उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, यूनाइटेड किंगडम में, बायोगैस में लगभग 17% वाहन ईंधन को बदलने की क्षमता होने का अनुमान है।
यह दुनिया के कुछ हिस्सों में अक्षय ऊर्जा सब्सिडी के लिए योग्य है। बायो-मीथेन बनने पर बायोगैस को प्राकृतिक गैस मानकों से साफ और उन्नत किया जा सकता है। बायोगैस को एक नवीकरणीय संसाधन माना जाता है क्योंकि इसका उत्पादन-और-उपयोग चक्र निरंतर है। और यह कोई शुद्ध कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न नहीं करता है।
जैसे-जैसे कार्बनिक पदार्थ बढ़ता है, इसे परिवर्तित और उपयोग किया जाता है। इसके बाद यह लगातार दोहराए जाने वाले चक्र में फिर से आ जाता है। कार्बन डाइऑक्साइड प्राथमिक जैव-संसाधन के विकास में वायुमंडल से अवशोषित होता है। और ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
बायोगैस क्या है
यहां पर बायो गैस कहने से इसका अर्थ पूर्ण रूप से अलग हो जाता है। ग्रामीण इलाकों में गोबर जानवरों द्वारा त्याग किया गया मल को कहा जाता है। इस प्रकार गोबर गैस का अर्थ जानवरों द्वारा त्याग किए गए मल से निकलने वाले गैस से है।
जानवरों द्वारा त्यागे गए अपशिष्ट पदार्थ का विघटन या गैस को एक यंत्र के माध्यम से बाहर निकाला जाता है। जिसे गोबर गैस संयंत्र का के नाम से जाना जाता है। गोबर गैस संयंत्र के माध्यम से ही गोबर गैस को निकाला जाता है इसमें जानवरों के मल का महत्वपूर्ण योगदान होता है बिना उनके मल के यह संभव नहीं है।
बायो आयल का उपयोग
गोबर गैस के उपयोग को देखें तो यहां बहुत ही विस्तृत है और इसका उपयोग हम खाने पकाने के लिए और बस या विभिन्न गाड़ियों के इंधन के रूप में इसका उपयोग हम कर सकते हैं गोबर गैस से निकलने वाले गैस मेथेन गैस होता है जोकि ज्वलनशील होता है।
यह एक प्रकार ऐसा एवं है जिसका उपयोग हम विभिन्न प्रकार से कर सकते हैं और यहां हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले सिलेंडर गैस का स्थान ले सकता है मगर इसमें बहुत सी समस्याएं हैं जो कि इस प्रकार हैं।
बायो गैस बनाने की समस्या
इसके लिए बहुत सारे गोबर की आवश्यकता होती है।
गोबर गैस में निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ का निस्तारण इतना आसान नहीं होता है।
अगर हम छोटा संयंत्र बनाते हैं तो कम मात्रा में गैस प्राप्त होते हैं और अगर बड़ा बना देते हैं तो बहुत ज्यादा जगह की आवश्यकता होती है।
बायो गैस के प्लांट से निकलने वाली स्लरी को ले जाने के लिए गाड़ी की आवश्यकता होती है यहां गिली और सुखी दोनों रूप में होती हैं।
बॉयो गैस के लाभ
- यहां पर्यावरण के अनुकूल है इससे ज्यादा मात्रा में प्रदूषण नहीं होता है।
- और बायोगैस के लिए जो कच्चे माल की आवश्यकता होती है वहां ग्रामीण इलाकों में आसानी से उपलब्ध होती है।
- लकड़ी का उपयोग करने से स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है लेकिन इसके उपयोग करने से ऐसी कोई समस्याएं नहीं होती है।
- गोबर गैस संयंत्र के उपयोग से खेतों में उपयोग किए जाने वाले जैविक खाद या गुणवत्ता युक्त खाद की प्राप्ति होती है।
Gobar gas business plan
- गोबर गैस की उपयोगिता को देखते हुए इसका उपयोग बिजनेस के तौर पर भी किया जा सकता है क्योंकि इससे बहुत ही अच्छा इंधन हमें प्राप्त होता है।
- अब इसका अगर हम बिजनेस के तौर पर उपयोग करते हैं तो इसके लिए हमें बहुत सारे गोबर और ज्यादा जगह की आवश्यकता होती है।
- मेंटेनेंस करने के लिए पाइप लाइन का उपयोग कर सकते हैं।
- Gobar gas business plan के नाम से मैंने एक पोस्ट लिखें उसे पढ़ सकते हैं।
बायोगैस में उपलब्ध गैसों का विवरण
- गोबर गैस में मेथेन की मात्राओं सबसे ज्यादा 50 से 75% तक होती है।
- कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा 25 से 50% तक होती है।
- नाइट्रोजन की मात्रा शून्य से 10% तक होती है।
- और हाइड्रोजन की मात्रा शून्य से 3 प्रतिशत होती है इसी क्रम में हाइड्रोजन सल्फाइड की मात्रा शून्य से 3% होती है और ऑक्सीजन की मात्रा इसमें बिल्कुल नहीं होती है।
इस प्रकार भारत में अगर गोबर गैस संयंत्र के उपयोगिता को देखें तो यहां हमारे देश के लिए बहुत ही आसान और सरल है क्योंकि हमारे देश में ग्रामीण क्षेत्रीय गांव की जनसंख्या बहुत ज्यादा है यहां पर बहुत सारे जानवर उपलब्ध हैं इस कारण से बायोगैस संयंत्र के लिए या गोबर गैस संयंत्र के लिए कच्चे माल आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं।
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