1. कभी चौकड़ी भरते मृग से भरपूर चरण नहीं धरते, मत मजगंज कभी झूमते सजग शशक नभ को चलते। संदर्भ - प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ पन्त जी की प्रसिद्ध कविता 'बादल' से अवतरित की गई है। प्रसंग - प्र…
छायावादी कविता हिन्दी साहित्य में अपना विशिष्ट महत्व रखती है। डॉ. गोविन्दराय शर्मा के शब्दों में, आधुनिक हिन्दी साहित्य में छायावाद का महत्वपूर्ण स्थान है। वर्तमान हिन्दी साहित्य की यह एक विशिष्ट प्र…
आधुनिक कविता की विशेषताएँ आधुनिक हिन्दी कविता की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं - 1. यथार्थता आधुनिक हिन्दी यथार्थ की प्रधानता है। यथार्थानुभूति ने आधुनिक हिन्दी कविता को नवीन चेतना प्रदान की। …
खोलता इधर जन्म लोचन, अभी उत्सव और हास हुलास अभी अवसाद अश्रु, उच्छवास! अचिरता देख जगत की आप शून्य भरता समीर निःश्वास, डालता पातों पर चुपचाप ओस के आँसू नीलाकाश; सिसक उठता समुद्र का मन, सिहर उठते उड…
पन्तजी प्रमुखतः तथा मूलतः प्रेम, सौन्दर्य और जीवन की कोमलतम भावनाओं के ऐसे कवि हैं, जिनमें सुकुमारता अपनी चरम सीमा पर विद्यमान है। पन्तजी का जन्म ही रोमाण्टिक युग में हुआ। स्वर्गीय प्रसादजी ने जिस यु…
ध्वनि विस्तारक यंत्र पर रोक लगाने हेतु आवेदन पत्र लिखने के लिए अक्सर परीक्षा मे आता हैं। यदि आपके मोहल्ले मे यह समस्या आ रही हैं तो आप अपने जिलाधीश को इस बारे मे पत्र लिख सकते हैं। जिसका प्रारूप नीचे…
1.भारतमाता ग्रामवासिनी खेतों में फैला है श्यामल धूल भरा मैला सा आँचल गंगा-यमुना में आँसू जल मिट्टी की प्रतिमा उदासिनी।। संदर्भ - प्रस्तुत कविता की पंक्तियाँ पन्तजी की प्रसिद्ध रचना भारतमाता से अ…
बलि पंथी से कविता 1. मत व्यर्थ पुकारे शूल-शूल, कह फूल-फूल सह फूल-फूल, हरि को ही तल में बन्द किए, केहरि के कह नख हूल-हूल । कागों का सुन कर्तव्य राग, कोकिल ककलि को भूल-भूल । सुरपुर …
प्रयोगवाद और नयी कविता के कवियों में अज्ञेय जी का योगदान महत्वपूर्ण है। यह आलोचक अज्ञेय को एक प्रबुद्ध कलाकार से अधिक प्रयोगवाद प्रवर्तक मानते हैं। अज्ञेय की काव्यगत विशेषता अज्ञेय का पूरा …
कविता में कवि की हर्ष-विषादमयी अनुभूतियों को रसात्मक रूप प्रदान किया जाता है। सृष्टि की इस विकासात्मक प्रवृत्ति में मानव और प्रकृति का सम्बन्ध चिरन्तन है। प्रकृति आदिकाल से ही काव्य को रह गया …