वे शब्द होते है जिसका अर्थ सामान या एक जैसे होते है। उदहारण : सूर्य के लिए प्रयोग किये जाने वाले शब्द सूर्य, दिनकर, भानु, सूरज आदि है। अर्थात किसी शब्द-विशेष के लिए प्रयुक्त समानार्थक शब्दों क…
राजनीति में बहुदलीय व्यवस्था एक महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रणाली है। जिसमें राजनीतिक चुनावों के दौरान कई राजनीतिक दल राष्ट्रीय चुनावों में भाग लेते हैं। और सभी सरकारी कार्यालयों या गठबंधन में नियंत्रण हा…
मैं जीर्ण-साज बहु छिद्र आज, मैं हूँ केवल पदतल-आसन, तुम सहज विराजे महाराज। ईर्ष्या कुछ नहीं, मुझे, यद्यपि, मैं ही बसंत का अग्रदूत, ब्राह्मण समाज में ज्यों अछूत मैं रहा आज यदि पार्श्वच्छवि। तुम स…
वह तोड़ती पत्थर, देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर। वह तोड़ती पत्थर, कोई न छायादार, पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार, श्याम तन, प्रिय-कर्म-रत मन। गुरु हथौड़ा हाथ, करती बार-बार प्रहार, सामने तरु-मलिका अ…
आधुनिक कविता की विशेषताएँ आधुनिक हिन्दी कविता की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं - 1. यथार्थता आधुनिक हिन्दी यथार्थ की प्रधानता है। यथार्थानुभूति ने आधुनिक हिन्दी कविता को नवीन चेतना प्रदान की। …
खोलता इधर जन्म लोचन, अभी उत्सव और हास हुलास अभी अवसाद अश्रु, उच्छवास! अचिरता देख जगत की आप शून्य भरता समीर निःश्वास, डालता पातों पर चुपचाप ओस के आँसू नीलाकाश; सिसक उठता समुद्र का मन, सिहर उठते उड…
पन्तजी प्रमुखतः तथा मूलतः प्रेम, सौन्दर्य और जीवन की कोमलतम भावनाओं के ऐसे कवि हैं, जिनमें सुकुमारता अपनी चरम सीमा पर विद्यमान है। पन्तजी का जन्म ही रोमाण्टिक युग में हुआ। स्वर्गीय प्रसादजी ने जिस यु…
ध्वनि विस्तारक यंत्र पर रोक लगाने हेतु आवेदन पत्र लिखने के लिए अक्सर परीक्षा मे आता हैं। यदि आपके मोहल्ले मे यह समस्या आ रही हैं तो आप अपने जिलाधीश को इस बारे मे पत्र लिख सकते हैं। जिसका प्रारूप नीचे…
1.भारतमाता ग्रामवासिनी खेतों में फैला है श्यामल धूल भरा मैला सा आँचल गंगा-यमुना में आँसू जल मिट्टी की प्रतिमा उदासिनी।। संदर्भ - प्रस्तुत कविता की पंक्तियाँ पन्तजी की प्रसिद्ध रचना भारतमाता से अ…
प्रयोगवाद और नयी कविता के कवियों में अज्ञेय जी का योगदान महत्वपूर्ण है। यह आलोचक अज्ञेय को एक प्रबुद्ध कलाकार से अधिक प्रयोगवाद प्रवर्तक मानते हैं। अज्ञेय की काव्यगत विशेषता अज्ञेय का पूरा …
प्रगतिवाद क्या है प्रगति की अंग्रेजी के प्रोग्रेस से उत्पत्ति मानी जाती है, जिसका अर्थ होता है आगे बढ़ना हैं, किन्तु साहित्य में वाद के साथ जुड़कर यह प्रगतिवाद शब्द बन गया है। प्रगतिवाद…
भारतीय संस्कृति की तात्विक विशेषताओं को अपने प्रबन्ध काव्यों के माध्यम से व्याख्यायित करने और अपनी रचनाओं के द्वारा राष्ट्र भक्ति का आह्वान करने के कारण मैथिलीशरण गुप्त 'राष्ट्र कवि ' के रूप …
हरिऔध जी का व्यक्तित्व ऋषियों के समान महान् था। उनके रहन-सहन और आचार-व्यवहार से सरलता और सौम्यता टपकती थी। पुराने आदर्शों और प्राचीन संस्कृति से प्रेम होते हुए वे नवीन प्रगतिशील विचारों के समर्थक थे।…
अंधेर नगरी भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा लिखित एक क्लासिक हिंदी नाटक है, जिन्हें अक्सर "आधुनिक हिंदी साहित्य का पिता" माना जाता है। यह नाटक कुशासन की मूर्खता और सत्ता का आँख मूंदकर अनुसरण करने…