फ्रांस की राज्य क्रांति 1789 में हुई थी। यह क्रांति राजतंत्र को समाप्त करने वाली विश्व की प्रथम क्रांति थी। विद्वानों के अनुसार विश्व में क्रांति शब्द का प्रारंभ फ्राँस में ही हुआ। स्वतंत्रता, समानता…
छठी शताब्दी के आसपास नई चिंतन धाराओं ने जन्म लिया। यह चिंतन यज्ञ और वैदिक धर्म के कर्मकाण्डों के विरुद्ध थे क्योंकि वैदिक कर्मकाण्डों में अब पहले जैसी सादगी नहीं रह गई थी। इस युग में जैन धर्म और बौद्…
प्राचीन भारतीय सभ्यता का प्रारंभ वैदिक काल से माना जाता है। इस सभ्यता के निर्माता आर्य थे आज तक यह निश्चित नहीं हो पाया है कि आर्य कौन थे ? कहाँ से आए थे ? अथवा भारत ही उनका मूल निवास स्थान था ? लगभग…
मानव जाति के इतिहास में दूसरी महत्वपूर्ण प्रगति लोहे की खोज और उसके उपयोग के कारण हुई। लोहा, ताँबे और काँसे से अधिक कठोर और सस्ता होता है। लोहा , ताँबे और काँसे की तुलना में अधिक मात्रा में है…
सिंधु घाटी की सभ्यता एवं संस्कृति - भारतीय उप महाद्वीप में यह सभ्यता उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में विकसित हुई। इस सभ्यता के प्रमुख स्थल के नाम पर ही इस संस्कृति को हड़प्पा संस्कृति के नाम से जा…
कांस्य युगीन सभ्यता किसे कहते हैं पिछले हजारों वर्षो के संचित ज्ञान कौशल तथा अनेक नए आविष्कारों के कारण 4000 ई.पू. के लगभग मानव ने प्रगति के नए चरण में प्रवेश किया। इसकी विशेषता थी नगरों का उदय। नगर…
करीब 2500 ई.पू. के आसपास भूमध्य सागर और एशियन सागर के आसपास के इलाके सिंधुघाटी, चीन में हवांग-हो-घाटी, इराक, मेसोपोटामिया में दजला और फरात की घाटी और मिस्र में नील नदी सभ्यता के केन्द्र के रूप में सा…
नवपाषाण युग किसे कहते हैं संक्रांति की अवस्था - मानव ने मध्यपाषाण युग में काफी उन्नति की। जो पूर्व पाषाण युग को नवपाषाण युग से अलग करती है। इस युग में जो क्षेत्र बर्फ से ढके हुए थे वहाँ धीरे-धीरे घने…
पाषाण युग किसे कहते हैं पाषाण युग के मानक औजार - मानव सांस्कृतिक विकास की प्रक्रिया उस समय प्रारंभ हुई जब हमारे - पूर्वजों में पाषाण के खुरदुरे औजार बनाने का कौशल आ गया। ये औजार पत्थरों के ऐसे टुकड़…
मानव सभ्यता का विकास मानव का विकास - जब पृथ्वी लगभग चार अरब पचास करोड़ वर्ष तक सूर्य से अलग होकर ठंडी हुई होगी तब उपर्युक्त जल, वायु तथा जीवों की पारिस्थितिक परिवर्तन के पश्चात् मानवीय आकृति उभरकर …
राजस्व किसे कहते हैं राजस्व' शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- राजन् + स्व। जिसका शाब्दिक अर्थ है। ‘राजा का धन। राजनैतिक दृष्टि से राजा को समाज का प्रतिनिधित्व करने वाला मुखिया माना जाता है, अतः रा…