पाषाण युग जिसे अंग्रेजी में स्टोन एज कहा जाता हैं। यह मानव इतिहास का वह प्राचीन काल है जब मनुष्य ने पत्थरों के औजारों का उपयोग करना शुरू किया था। यह युग तकनीकी और सामाजिक विकास के शुरुआती चरण का प्रतीक है। पाषाण युग की अवधि लगभग 25 लाख वर्ष से लेकर 3000 ईसा पूर्व तक मानी जाती है।
पाषाण युग में पत्थर का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता था। यह अवधि लगभग 3.4 मिलियन वर्षों तक चली थी जब तक धातु का खोज नहीं हुआ था।
पाषाण युग की कई कलाकृतियों की खोज की गई है, जिसका उपयोग उस समय के लोग अपनी जरूरतों के अनुसार करते थे।
पाषाण युग को तीन भागों में बांटा गया है।
पुरापाषाण युग
- लगभग 25 लाख वर्ष पहले से 10,000 ईसा पूर्व तक।
- मनुष्य शिकार और भोजन संग्रह करता था।
- गुफाओं में रहते थे।
- पत्थरों से बने औजार का उपयोग करते थे।
- आग की खोज इसी काल में हुआ था।
मध्यपाषाण युग
- लगभग 10,000 ईसा पूर्व से 8000 ईसा पूर्व तक।
- छोटे और तेज औजारों का उपयोग करते थे।
- पशुपालन और खेती की शुरुआत इसी काल में हुआ था।
- गुफा चित्रकला का उदय भी इसी कल में हुआ था।
- रोथेनबर्ग, जर्मनी
- मोंट सेंट मिशेल, फ्रांस
- सिएना, इटली
- कारकैसन, फ्रांस
- सैन जिमिनानो, इटली
- कोलमार, फ्रांस
- सेंट पॉल डे वेंस, फ्रांस
नवपाषाण युग
- लगभग 8000 ईसा पूर्व से 3000 ईसा पूर्व तक।
- कृषि और स्थाई बस्तियों का विकास हुआ।
- मिट्टी के बर्तन और कपड़े बनाने की कला का विकास।
- समाज में संगठित जीवन और व्यापार का प्रारंभ।
सांस्कृतिक विकास उस समय प्रारंभ हुई जब मानव के पास पत्थर के औजार बनाने का कौशल आ गया। यह औजार पत्थरों के ऐसे टुकड़ों से मिलते जुलते थे जो प्राकृतिक रूप से नुकीले होते थे। पाषाण युग में मानव इसी प्रकार के पत्थरो का उपयोग शिकार और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए करता था।
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