हिमाचल प्रदेश की राजधानी - himachal pradesh capital in hindi

हिमाचल प्रदेश भारत के ग्यारह पर्वतीय राज्यों में से एक है। यह राज्य भारत के उत्तर में बसा एक तीर्थ स्थल हैं। जहाँ लाखो लोग घूमने जाते हैं। हिमाचल प्रदेश के पडोसी राज्य जम्मू कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड है। यह चीन के साथ एक अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है। हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है।

हिमाचल प्रदेश का निर्माण 25 जनवरी 1971 को हुआ था। इसका कुल क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किमी हैं और यहाँ 68,64,602 लोग रहते हैं। हिमाचल प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हैं। इन्होंने 27 दिसंबर 2017 को मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाल और यह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला है। यह शहर पहले पंजाब की राजधानी था। लेकिन हिमाचल के निर्माण के बाद से यह हिमाचल की राजधानी हैं। शिमला हिमाचल प्रदेश का वाणिज्यिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र है। ब्रिटिश काल के समय शिमला भारत का ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करता था।

शिमला प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता हैं। बर्फ़ से ढकी शिमला की पहाड़ियां लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। लाखो लोग यहाँ हर साल घूमने के लिए आते हैं। शिमला 18 वीं शताब्दी में छोटा गांव हुआ करता था। शिमला का नाम देवी श्यामला देवी के नाम पर रखा गया हैं। जो माता काली की अवतार हैं।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी - himachal pradesh map
हिमाचल प्रदेश की राजधानी

1 नवंबर 1966 को संसद द्वारा पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत पंजाब के कुछ क्षेत्र को हिमाचल प्रदेश में विलय कर दिया गया। 18 दिसंबर 1970 को हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम पारित किया गया था। इस प्रकार 25 जनवरी 1971 को अठारहवें राज्य के रूप में हिमाचल प्रदेश अस्तित्व में आया था।

शिमला हिमालय के दक्षिण-पश्चिमी में बसा सुंदर शहर है। जो 9.2 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। शिमला की जलवायु सर्दियों के दौरान ठंडी और गर्मियों के दौरान कम गर्म होती है। शहर का वार्षिक तापमान -4 डिग्री सेल्सियस से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। इस क्षेत्र में बर्फबारी दिसंबर, जनवरी और फरवरी की शुरुआत में होती है।

हिमाचल प्रदेश का इतिहास

हिमाचल प्रदेश का एक समृद्ध और विविध इतिहास है जो हजारों साल पहले का है। यहाँ हिमाचल प्रदेश के इतिहास का संक्षिप्त विवरण दिया गया है।

प्राचीन और मध्यकालीन काल

हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र में सबसे पहले ज्ञात मानव बस्तियों का पता सिंधु घाटी सभ्यता से लगाया जा सकता है, जो लगभग 2500 ईसा पूर्व में फली-फूली।

मध्ययुगीन काल के दौरान, यह क्षेत्र मौर्य, गुप्त, पाल, प्रतिहार और राजपूत सहित कई राजवंशों के प्रभाव में आया। इस समय के दौरान बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म प्रमुख धर्म थे। उस समय यहाँ कई बौद्ध मठ और मंदिर स्थापित किए गए थे।

मुगल और सिख शासन

16 वीं शताब्दी में, मुगल साम्राज्य ने उत्तरी भारत में अपने प्रभाव का विस्तार किया, जिसमें वर्तमान हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्से भी शामिल थे। हालांकि, ऊबड़-खाबड़ इलाकों में मुगलों का नियंत्रण करना कठिन था। 18वीं शताब्दी में मुगल प्रभाव कम हो गया और यह क्षेत्र स्थानीय शासकों के नियंत्रण में रहा। 18वीं शताब्दी के अंत में, महाराजा रणजीत सिंह के नेतृत्व में सिख साम्राज्य ने हिमाचल प्रदेश पर अपना नियंत्रण बढ़ा लिया।

ब्रिटिश काल और स्वतंत्रता

सिख साम्राज्य के पतन के साथ, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 19वीं शताब्दी के दौरान धीरे-धीरे हिमाचल प्रदेश पर अपना नियंत्रण बढ़ाया। इस क्षेत्र को शुरू में कई रियासतों में विभाजित किया गया था जो पंजाब प्रांत का हिस्सा हुआ करता था।

1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिलने के बाद, हिमाचल प्रदेश को पंजाब राज्य में मिला दिया गया था। हालाँकि, इस क्षेत्र के लिए एक अलग पहचान की मांग को गति मिली और 1971 में हिमाचल प्रदेश को भारतीय संघ के भीतर एक अलग राज्य के रूप में स्थापित किया गया।

हिमाचल प्रदेश का भूगोल

हिमाचल प्रदेश राज्य 55,673 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। सिंधु और गंगा हिमाचल प्रदेश की प्रमुख नदी हैं। सिंधु नदी की पाँच प्रमुख सहायक नदियों में से चार - चिनाब, रावी, ब्यास और सतलज राज्य से होकर बहती हैं। यमुना गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी हिमाचल प्रदेश से निकलती हैं।

हिमाचल प्रदेश समुद्र तल से ऊंचाई 465 मीटर से लेकर 7,000 मीटर तक की ऊंचाई बसा है। रियो पुर्जिल हिमाचल प्रदेश राज्य की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। जिसकी ऊंचाई 6816 मीटर हैं।

हिमाचल प्रदेश उन राज्यों में से एक है जो हिमालय क्षेत्र में स्थित है। जो दुनिया में जैविक विविधता के सबसे समृद्ध क्षेत्रों में से एक है। हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रफल का 66.52% वनों से आच्छादित है। राज्य में औषधीय और सुगंधित पौधों की विविधता पायी जाती है।

हिमाचल को देश का फलों का कटोरा भी कहा जाता है। जहां बड़े पैमाने पर बाग और घास के मैदान हैं। सर्दियों के मौसम के बाद पहाड़ी क्षेत्र और बाग फूलों से खिल जाते हैं।

हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था

कृषि हिमाचल प्रदेश में कृषि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। राज्य अपने बागवानी उत्पादों के लिए जाना जाता है, जिसमें सेब, आड़ू, नाशपाती, चेरी और प्लम शामिल हैं। राज्य में उगाई जाने वाली अन्य फ़सलों में गेहूँ, जौ, मक्का और सब्जियाँ शामिल हैं।

हिमाचल प्रदेश एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों पर्यटकों को आकर्षित करता है। राज्य की प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढके पहाड़ और शिमला, मनाली, धर्मशाला और डलहौजी जैसे धार्मिक स्थल इसके पर्यटन क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

हिमाचल प्रदेश में प्रचुर मात्रा में जल संसाधन हैं। राज्य ने पनबिजली उत्पादन के लिए अपनी क्षमता का दोहन किया है। राज्य में कई पनबिजली परियोजनाएं स्थापित की गई हैं, जो राज्य के बिजली उत्पादन का पर्याप्त हिस्सा प्रदान करती हैं।

हिमाचल प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ देखी गई है। फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योग प्रमुख हैं। राज्य सरकार ने निवेश आकर्षित करने और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नीतियों को लागू किया है।

हिमाचल प्रदेश अपने पारंपरिक हस्तशिल्प के लिए जाना जाता है, जिसमें ऊनी शॉल, कालीन, मिट्टी के बर्तन, धातु के काम और लकड़ी के शिल्प शामिल हैं। इन हस्तशिल्पों का राज्य के भीतर और बाहर एक महत्वपूर्ण बाजार है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देता है।

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