हीमोग्लोबिन किसे कहते हैं - hemoglobin in Hindi

हीमोग्लोबिन एक हीम प्रोटीन है जो की हेमी और ग्लोबिन नामक प्रोटीन से बनी होती है। लेकिन हीमोग्लोबिन में कुछ विशेष लक्षण पाये जाते हैं जिसके कारण उसकी पहचान आसानी से की जा सकती है। हीमोग्लोबिन परीक्षण आपके रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा को मापता है। 

हीमोग्लोबिन आपके लाल रक्त कोशिकाओं में एक प्रोटीन है जो आपके शरीर के अंगों और ऊतकों को ऑक्सीजन पहुंचाता है। और आपके अंगों और ऊतकों से कार्बन डाइऑक्साइड को आपके फेफड़ों तक वापस पहुंचाता है।

हीमोग्लोबिन किसे कहते हैं

हीमोग्लोबिन चार प्रोटीन अणुओं से बना होता है जो एक साथ जुड़े होते हैं। सामान्य वयस्क हीमोग्लोबिन (संक्षिप्त एचबीबी या एचबी) अणु में दो अल्फा-ग्लोब्युलिन चेन और दो बीटा-ग्लोब्युलिन चेन होते हैं। 

भ्रूण और शिशुओं में, बीटा चेन सामान्य नहीं होती हैं और हीमोग्लोबिन अणु दो अल्फा चेन और दो गामा चेन से बना होता है। जैसे-जैसे शिशु बढ़ता है, गामा चेन को धीरे-धीरे बीटा चेन द्वारा बदल दिया जाता है, जिससे वयस्क हीमोग्लोबिन संरचना बन जाती है।

हीमोग्लोबिन किसे कहते हैं - hemoglobin in Hindi

प्रत्येक ग्लोब्युलिन श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण लोहा युक्त पोर्फिरीन यौगिक होता है जिसे हीम कहा जाता है। हीम कम्पाउंड के भीतर एंबेडेड एक लोहे का परमाणु है जो हमारे रक्त में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के परिवहन में महत्वपूर्ण है। रक्त के लाल रंग के लिए हीमोग्लोबिन में निहित लोहा भी जिम्मेदार है।

लाल रक्त कोशिकाओं के आकार को बनाए रखने में हीमोग्लोबिन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपने प्राकृतिक आकार में, लाल रक्त कोशिकाएं संकीर्ण केंद्रों के साथ गोल होती हैं, जो बीच में छेद किए बिना डोनट जैसा दिखता है।

इसलिए, असामान्य हीमोग्लोबिन संरचना लाल रक्त कोशिकाओं के आकार को बाधित कर सकती है और रक्त वाहिकाओं के माध्यम से उनके कार्य और प्रवाह को बाधित कर सकती है।

हीमोग्लोबिन परीक्षण से पता चलता है कि आपका हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम है, तो इसका मतलब है कि आपके पास कम लाल रक्त कोशिका की गिनती है। एनीमिया के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जिनमें विटामिन की कमी, रक्तस्राव और पुरानी बीमारियां शामिल हैं।

यदि एक हीमोग्लोबिन परीक्षण सामान्य स्तर से अधिक दिखाई देता है। तो कई संभावित कारण हैं - रक्त विकार पॉलीसिथेमिया वेरा, अधिक ऊंचाई पर रहना, धूम्रपान और निर्जलीकरण।

हीमोग्लोबिन का रंग लाल क्यों होता है 

आप जानते ही हैं की हीमोग्लोबिन को चारों ओर से पोरफायरीन के अणु घेरे रहते हैं। तो इसके लाल रंग का भी यही कारण होता है की - हीमोग्लोबिन अणु में पोरफायरीन चक्र संयुगमित तथा समतलीय होता है। इसका अभिलाक्षणिक लाल रंग चक्र एवं आयरन पर स्थायी पाई तथा स्थित पाई आर्बिटलों के बीच आवेश स्थानांतरण  के कारण उत्पन्न होता है।

आपको ये पता ही होगा की हीमोग्लोबिन का निर्माण हेमी और प्रोटीन से मिलकर होता है। और सब्जियों में क्लोरोफिल पाया जाता है। हेमी तथा क्लोरोफिल की रासायनिक संरचना समान होती है। क्लोरोफिल की उपस्थिति में फोरबिन वलय तंत्र की संरचना हेमी के पोरफायरीन वलय के समान होती है। 

शरीर में क्लोरोफिल आसानी से हेमी में परिवर्तित हो जाता है। सम्भवतः क्लोरोफिल का मैग्नीशियम परमाणु शरीर की ऑक्सीजन द्वारा आयरन में परिवर्तित हो जाता है।

आहार में हरी सब्जीयाँ खाने पर क्लोरोफिल प्राप्त होता है। यह क्लोरोफिल हीमोग्लोबिन में वृद्धि करता है। अतः मानव शरीर में हीमोग्लोबिन उपयुक्त मात्रा में बन जाता है, यदि रक्त अल्पता वाले मरीज हरी सब्जियों का सेवन करें।

हीमोग्लोबिन की कमी से क्या होता है

हीमोग्लोबिन, वह पदार्थ हैं जो लाल रक्त कोशिकाओं को रंग प्रदान करता है, साथ ही पूरे शरीर में ऑक्सीजन के परिवहन की अनुमति देता है। कम हीमोग्लोबिन के स्तर से एनीमिया होता है, जिससे थकान और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

पुरुषों में सामान्य हीमोग्लोबिन का स्तर 14.0 और 17.5 ग्राम प्रति deciliter (ग्राम/डीएल) के बीच होता है जबकि महिलाओं में यह 12.3 और 15.3 gm/dL के बीच होता है।

एनीमिया क्या है

एनीमिया एक रक्त विकार है जो तब होता है जब किसी व्यक्ति के रक्त में पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं होता है। जब कोई व्यक्ति एनीमिया विकसित करता है, तो उसे "एनीमिक" कहा जाता है। एनीमिया के कई अलग-अलग प्रकार हैं। कुछ प्रकार केवल हल्की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनते हैं, जबकि अन्य बहुत अधिक गंभीर होते हैं।

  • शरीर पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बना पाता है।
  • शरीर हीमोग्लोबिन बनाता है, लेकिन हीमोग्लोबिन ठीक से काम नहीं करता है।
  • शरीर पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण नहीं करता है।
  • शरीर लाल रक्त कोशिकाओं को बहुत तेजी से तोड़ता है।

आयरन किस खाद्य पदार्थ अधिक होता हैं

भोजन में लोहा दो स्रोतों से आता है: जानवर (विभिन्न मांस और मछली में पाए जाते हैं) और पौधे (कुछ सब्जियों में और लौह-फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों जैसे नाश्ते के अनाज में पाए जाते हैं)।

निम्नलिखित खाद्य पदार्थ आयरन के अच्छे स्रोत हैं:

  1. ऑयस्टर
  2. राज़में
  3. मांस 
  4. टोफू
  5. तुर्की लेग 
  6. हॉल वीट ब्रेड
  7. टूना
  8. अंडे
  9. झींगा
  10. मूंगफली बटर 
  11. भूरा चावल
  12. गुड़

PH कम होने पर होमोग्लोबिन की ऑक्सीजन बन्धुता कम हो जाती है क्यों ?

उत्तर - हीमोहलोबिन की ऑक्सीजन के प्रति आकर्षण , दबाव एवं PH के मान के पर निर्भर करता है। मांसपेशियों में कार्बनडाइऑक्साइड मुक्त होने के कारण PH मान में कमी हो जाती है। 

जिससे हीमोग्लोबिन का ऑक्सीजन के प्रति आकर्षण घटता है। मांसपेशियों की सक्रियता एवं गतिविधियों से अधिक ऑक्सीजन मुक्त होती है, जिससे ऑक्सीजन की मांग में वृद्धि होती है।

ऊतक से कार्बनडाइऑक्साइड की अधिकता विलेय HCO3 ऋण आयनों के रूप होती है। PH परिवर्तन मायोग्लोबिन की ऑक्सीजन के प्रति आकर्षण क्षमता को कम नही करती है। 

इसके विपरीत कम PH पर हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन मुक्त करता है। अतः हीमोग्लोबिन PH परिवर्तन के प्रति संवेदनशील है जबकि मायोग्लोबिन नहीं। PH परिवर्तन की यह संवेदनशीलता बोर प्रभाव कहलाता है।

हीमोग्लोबिन और मायोग्लोबिन में अंतर

सबसे पहले हीमोग्लोबिन और मायोग्लोबिन के बारे में बेसिक जानकारी को जान लेना चाहिए क्योंकि जब तक आप किसी भी चीज के बेसिक जानकारी के बारे में नहीं जानेंगे तो हमें आगे का समझ नही आएगा तो आओ जानते हैं उन बेसिक जानकारियों के बारे में।

हीमोग्लोबिन और मायोग्लोबिन एक प्रकार के हिम प्रोटीन हैं। अब ये हीम प्रोटीन क्या है ? हीम एक धातु पोरफायरीन संकुल है , जो की विभिन्न प्रोटीन अणुओं के साथ संलग्न रहता है। इस प्रकार हीम अणु युक्त प्रोटीन कहते हैं। इसके और दो उदाहरण है 1. साइटोक्रोम्स 2. एन्ज़ाइम- केटालेज व परॉक्सीड़ेज।

  • 1 . सबसे पहला अंतर ये है की, हीमोग्लोबिन में चार हीम समूह तथा चार प्रोटीन श्रृंखला पायी जाती है।और मायोग्लोबिन में एक ही हीम समूह तथा एक प्रोटीन श्रृंखला पायी जाती है।
  • 2. हीमोग्लोबिन का अणुभार लगभग 64500 होता है। जबकि मायोग्लोबिन का अणुभार लगभग 17000 होता है।
  • 3. हीमोग्लोबिन की ऑक्सीजन के प्रति बन्धुता घट जाती है कम PH होने पर। जबकि कम PH पर मायोग्लोबिन की ऑक्सीजन के प्रति बन्धुता नहीं घटती है।
  • 4. हीमोग्लोबिन कम दाब में ऑक्सीजन को मुक्त कर देता है। और मायोग्लोबिन कम दाब पर ऑक्सीजन को ग्रहण करता है।
  • 5. हीमोग्लोबिन में ऑक्सीजन बन्धन क्षमता परिवर्तनशील होती है। मायोग्लोबिन की ऑक्सीजन बन्धन क्षमता सरल होती है।
  • 6. हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को प्रबलता से बन्धित रखता है। मायोग्लोबिन, हीमोग्लोबिन की तुलना में अधिक प्रबलता से ऑक्सीजन को बन्धित रखता है।

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