हिन्दी के सुमनों के प्रति पत्र कविता - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

मैं जीर्ण-साज बहु छिद्र आज,  मैं हूँ केवल पदतल-आसन,  तुम सहज विराजे महाराज।  ईर्ष्या कुछ नहीं, मुझे, यद्यपि,  मैं ही बसंत का अग्रदूत,  ब्राह्मण समाज में ज्यों अछूत मैं रहा आज यदि पार्श्वच्छवि।  तुम स…

तोड़ती पत्थर कविता की व्याख्या - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

वह तोड़ती पत्थर, देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर। वह तोड़ती पत्थर, कोई न छायादार, पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार, श्याम तन, प्रिय-कर्म-रत मन। गुरु हथौड़ा हाथ, करती बार-बार प्रहार, सामने तरु-मलिका अ…

आधुनिक कविता की विशेषताएं - adhunik hindi kavita ki visheshta

आधुनिक कविता की विशेषताएँ  आधुनिक हिन्दी कविता की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं -  1. यथार्थता  आधुनिक हिन्दी यथार्थ की प्रधानता है। यथार्थानुभूति ने आधुनिक हिन्दी कविता को नवीन चेतना प्रदान की। …

परिवर्तन कविता की व्याख्या - सुमित्रानंदन पंत

खोलता इधर जन्म लोचन, अभी उत्सव और हास हुलास  अभी अवसाद अश्रु, उच्छवास!  अचिरता देख जगत की आप  शून्य भरता समीर निःश्वास, डालता पातों पर चुपचाप  ओस के आँसू नीलाकाश; सिसक उठता समुद्र का मन, सिहर उठते उड…

सुमित्रानंदन पंत की काव्यगत विशेषताएँ लिखिए

पन्तजी प्रमुखतः तथा मूलतः प्रेम, सौन्दर्य और जीवन की कोमलतम भावनाओं के ऐसे कवि हैं, जिनमें सुकुमारता अपनी चरम सीमा पर विद्यमान है। पन्तजी का जन्म ही रोमाण्टिक युग में हुआ। स्वर्गीय प्रसादजी ने जिस यु…

ध्वनि विस्तारक यंत्र पर रोक लगाने हेतु आवेदन पत्र

ध्वनि विस्तारक यंत्र पर रोक लगाने हेतु आवेदन पत्र लिखने के लिए अक्सर परीक्षा मे आता हैं। यदि आपके मोहल्ले मे यह समस्या आ रही हैं तो आप अपने जिलाधीश को इस बारे मे पत्र लिख सकते हैं। जिसका प्रारूप नीचे…

भारत माता कविता का अर्थ - सुमित्रानंदन पंत

1.भारतमाता ग्रामवासिनी  खेतों में फैला है श्यामल  धूल भरा मैला सा आँचल गंगा-यमुना में आँसू जल मिट्टी की प्रतिमा उदासिनी।। संदर्भ  - प्रस्तुत कविता की पंक्तियाँ पन्तजी की प्रसिद्ध रचना भारतमाता से अ…