एचटीटीपी क्या है - What is http

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नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आज हम आपके लिए लेकर आए हैं इंटरनेट से संबंधित टॉपिक HTTP और HTTPS के बारे में आपको जरूर सुनना होगा। या इंटरनेट में HTTP को URL के सुरआत में देखा ही होगा। आज आपको इसी के बारे में बताया गया है कि ये क्या होता है। और इसका उपयोग क्यों किया जाता है।

एचटीटीपी क्या है

एचटीटीपी फुल फॉर्म - हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल। हाइपरटेक्स्ट स्टॉक रिकॉर्ड होता है। आज जमाना इंटरनेट का है और बिना इंटरनेट के कोई काम नहीं हो सकता। वर्तमान में कई बड़ी बड़ी कंपनियां इंटरनेट से ही चल रही हैं। जैसे गूगल मैगज़ीन फिलिपकार्ट आदि। हाइपरटेक्स्ट का मतलब एक प्रकार का कोड होता है, जिससे वेबसाइट का पेज बनता है जैसे HTML भाषा, PHP आदि।

स्थानांतरण प्रोटोकॉल - स्थानांतरण का हिंदी में मतलब स्थान अनुवाद होता है, प्रोटोकॉल का अर्थ सूचना होता है।

अगर आपने कोई सवाल इंटरनेट पर किया है तो, आप इसे अपने सर्च किए गए किसी भी वेबसाइट के आगे सबसे पहले लिखा हुआ पाएंगे। और आपके दोस्तों ने यह HTTP के आगे एक विस्मयादिबोधक चिह्न (विस्मयादि चिन्ह) भी देखा हो तो आपको बता दें कि यह किसी वेबसाइट के बारे में बताता है।

आप जब भी GOOGLE Chrome में या किसी भी वेबसाइट पर सर्च करके इस प्रकार के मार्क पर क्लिक करें तो यहां इस प्रकार लिखा हुआ दिखाई देता है।

इस लॉक के निसान का मतलब है कि हमारा जो इंटरनेट कनेक्शन है वह सुरक्षित है। अब जानते हैं कि हमारे कंप्यूटर और इंटरनेट के बीच यह किस प्रकार का काम करता है।

वेबसाइट में HTTP का उपयोग

एचटीटीपी का उपयोग किसी भी कंप्यूटर या मोबाइल में इंटरनेट से कनेक्शन स्थापित करने के लिए किया जाता है। यह लगभग आज के समय में सभी ब्राउजर में पहले से ही उपलब्ध होता है और जब भी हम किसी भी वेब साइट को गूगल क्रोम में डालते हैं, जब भी कोई साइट खोजते हैं तो सभी परिणाम हमारे सामने आते हैं और फिर हम क्लिक करके उसके अंदर जाते हैं।

उस साइट को जोड़ने का काम वह एचटीटीपी करता है। टीसीपी के माध्यम से जो निर्देश दिया गया है वह हमें उस वेबसाइट से कनेक्ट करें। यह अब के ब्राउजर में पहले से इनेबल होता है क्योंकि आपने देखा होगा कि किसी भी साइट के यूआरएल के आगे यह HTTP वर्ड लिखा होता है।

दोस्तों, जैसे मैंने ऊपर आपको बताया था कि हमारी साइट में इसका भी उपयोग किया गया है। अगर आप बाद में भी यही देखते हैं तो यह https://www.youtube.com है तो दोस्तों इसका काम दो तरह से होता है। http और https

HTTP और HTTPS में अंतर

1. HTTP - मैंने आपको एचटीपी के बारे में बताया था कि इस एचटीपी वर्ड का विस्तार हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल है। यदि कोई यूआरएल है तो www साइट के पेज के पहले एचटीपी हो लगा टैब एमएससी में शामिल है कि इस वेबसाइट का होम पेज का निर्माण एचटी वॉल्यूम का उपयोग किया गया है।

उदाहरण: http://www.rexgin.in

2. HTTPS - इसका फुल फॉर्म होता है हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर जोक इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर और साइट के मध्य में किसी भी प्रकार के छात्रों को देखना होता है। साथ ही यहां हमारी निजी जानकारी भी सुरक्षित है।

जैसे कि क्या आप जानते हैं कि अभी इंटरनेट पर डिजिटल क्राइम जिसे साइबर क्राइम के नाम से भी जाना जाता है तो यहां हमें इस प्रकार की सुरक्षा प्रदान की जाती है।

सभी चाहते हैं कि उनकी जानकारी किस तक ना हो और जो सर्च कर रहे हों वह उनकी तक ही रहे तो इस प्रकार यहां निजता है और निजता में हमारी सहायता होती है।

उदाहरण: https://www.rexgin.in

HTTPS का उपयोग करके अपने डेटा को कैसे बचाएं

HTTPS का उपयोग करके भेजे गए डेटा को TLS (ट्रांसपोर्ट लेयर प्रोटोकॉल) की मदद से आपके डेटा को सुरक्षित रखने के लिए तीन मुख्य तरीके अपनाए जाते हैं जो इस प्रकार हैं

एन्क्रिप्शन: भेजे गए डेटा या कंप्यूटर द्वारा इनपुट किए गए डेटा को देखने की कोशिश करने वालों से सुरक्षित रखने के लिए। इस्तमाल किया जाता है कि जब भी आप किसी पेज को ओपन करते हैं या उस पर अपनी कोई जानकारी देते हैं या नए-नए टैग पर कोई जानकारी ओपन करना चाहते हैं तो यहां शामिल डेटा को कोई भी नहीं देखता है।

डेटा अखंडता: जब आपको कोई अन्य के पास भेजा जा रहा है तो उस समय इसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकता है और इस कारण से निश्चित रूप से पकड़ा जाता है कि कौन सी जानकारी नवीनीकृत करना चाहती है या बदल रही है।

प्रमाणीकरण: यह निश्चित करता है कि आपके जो उपयोगकर्ता अपनी साइट पर सही जगह पर आ रहे हैं। यह आपकी साइट को हैकर्स के साथ सुरक्षित रखता है और आपके ग्राहक या उपयोगकर्ता के बीच एक भरोसा या विश्वास बनाए रखता है। जो कि आपका कोई भी ऑनलाइन कार्य के लिए अद्भुत होता है।

इंटरनेट में प्रोटोटाइप के लिए प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है। तो यहां एचटीटीपी के लिए TCP या IP प्रकार के पैनल का उपयोग किया जाता है साथ ही एचटीटीपीएस में भी इसी प्रकार के पैनल का उपयोग किया जाता है।

इसका कोई अलग से प्रोटोकॉल नहीं है। लेकिन आपको बता दें कि हमारे द्वारा किया गया कार्य सुरक्षित रहना एक और कनेक्शन का उपयोग करना है जैसे कि टीएलएस और एसएसएल साइट का उपयोग करना है।

कुछ सामान्य जानकारी जो लोगों द्वारा अक्सर इंटरनेट पर खोजी जाती है

1. एचटीटीपी का आविष्कार किसने किया?

उत्तर - सर टिमोथी जॉन ने इस स्मारक का आविष्कार किया था।

2. एचटीटीपीएस का आविष्कार किसने किया?

उत्तर - नेटस्केप कॉर्पोरेशन ने अपने ब्राउज़र के लिए सबसे पहले आविष्कार किया था।

3. एचटीटीपी और एचटीटीपीएस में किस प्रकार का पोर्ट उपयोग किया जाता है?

उत्तर - इंटरनेट से जुड़ने के लिए पोर्ट की आवश्यकता है माध्यम से इंट्रानेट से हम जुड़े हैं तो यहां HTTP के लिए 80 पोर्ट का उपयोग किया जाता है। वहीं HTTPS के लिए 443 पोर्ट नंबर का इस्तेमाल किया जाता है।

4. इन दोनों प्रकार के प्रोटोकॉल में से किस प्रकार के रिकॉर्ड में सुरक्षा अधिक होती है?

उत्तर - इन दोनों में सबसे ज्यादा सुरक्षित एचटीटीपीएस है और इसके सुरक्षित होने का कारण TLS और SSL है। इसकी सुरक्षा के बारे में और अधिक जानकारी कंप्यूटर विज्ञान में पढ़ें।

5. एचटीटीपी और एचटीटीपीएस के लिए महत्वपूर्ण रैंकिंग?

उत्तर - हाँ दोस्तों HTTPS रैंकिंग के लिए भी यह महत्वपूर्ण भूमिका है, जब से Google ने 2014 के बाद इसे रैंकिंग के लिए सांकेतिक रूप में लिया। जबकि HTTP को रैंक करना थोड़ा मुश्किल होता है।

6. वेबसाइट की अधिकतम स्पीड किस प्रोटोकॉल में होती है?

उत्तर - किसी भी साइट की स्पीड के लिए गूगल में रैंक करना बहुत जरूरी होता है। HTTP प्रकार के प्रोटोकॉल में स्पीड सबसे ज्यादा होती है। जबकि HTTPS में स्पीड बहुत कम होती है। इसमें SSL का एक अतिरिक्त चरण शामिल होता है।

7. वेबसाइट के हैक होने का खतरा किस प्रकार की साइट पर सबसे ज्यादा होता है?

उत्तर - साइट के हैक का खतरा HTTP प्रोटोकॉल का उपयोग करने से साइट में अधिक होता है। जबकि HTTPS प्रोटोकॉल का उपयोग करके साइट को हैक किया जा सकता है। इसमें हर किसी का रिकॉर्ड सर्च होता है। जिससे हैकर का पता लगाया जा सके।

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