भूटान की राजधानी - capital of bhutan in hindi

भूटान एशिया महाद्वीप में स्थित एक छोटा सा देश हैं। जो हिमालय के पूर्वी छोर पर स्थित है। यह उत्तर में चीन और दक्षिण में भारत के साथ सीमा साझा करता है। भूटान का कुल क्षेत्रफल 38,394 वर्ग किलोमीटर है।

1950 तक भूटान एक पूर्ण राजतंत्र था। लेकिन 2008 में देश ने संविधान को अपनाया। इस नए संविधान में 35 अनुच्छेद तथा 4 अनुसूचितयाँ है। जो भूटान को एक लोकतांत्रिक और संवैधानिक राजतंत्र बनाता हैं।

भूटान की राजधानी

भूटान की राजधानी थिम्फू हैं। देश की जनसंख्या 7.27 लाख से अधिक है। यह विश्व का 133 वा बड़ा देश है। भूटान एक संवैधानिक राजतंत्र है। राजा देश का प्रमुख तथा प्रधान मंत्री सरकार का मुख्या होता है।

तिब्बत के साथ भूटान की उत्तरी और पश्चिमी सीमा लगती है। जबकि दक्षिण में भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम से लगती है। भूटान का उत्तरी भाग बर्फ से ढकी ऊँची चोटियाँ से घिरी हैं जिसकी ऊंचाई 24000 फीट से भी अधिक हैं।

भूटान का 60 प्रतिशत भूमि जंगल से आच्छादित हैं। जहाँ चीड़, ओक, अखरोट, चिनार, विलो और मैगनोलिया के पेड़ पाए जाते हैं। जंगली जीव की बात करे तो यहाँ सांभर हिरण, गौर, गैंडे, हाथी, बाघ और अन्य जानवर पाए जाते हैं।

भूटान की राजधानी - capital of bhutan in hindi

भूटानी अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर करती है। देश में कृषि के लिए उपलब्ध भूमि की कमी है। देश के अधिकांश भाग में प्रतिकूल जलवायु, पहड़ियाँ और खराब भूमि हैं। मध्य भूटान में उपजाऊ भूमि हैं जहाँ खेती की जाती है।

भूटान का इतिहास

भूटान का एक समृद्ध इतिहास है। भूटान की स्थापना झाबद्रुंग न्गवांग नामग्याल  ने किया था। जो 17 वीं शताब्दी में भूटान आए थे। इन्होंने देश को एकीकृत किया तथा भूटान देश की नींव राखी। उन्होंने बौद्ध धर्म को देश का राजधर्म के रूप में स्थापित किया और कई मठो का निर्माण किया।

भूटान की राजधानी - capital of bhutan in hindi

19वीं शताब्दी के दौरान भूटान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नियंत्रण में चला गया। 17 दिसंबर सन 1907 को  आजादी मिली जिसके बाद भूटान को राजशाही देश के रूप मान्यता प्राप्त हुआ। 

2006 में राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक ने राजगद्दी छोड़ने से पहले देश को लोकतांत्रिक बनाने का निर्णय लिया। जिसके बाद राजशाही शासन को संवैधानिक राजतंत्र में परिवर्तित कर दिया गया। सन 2008 में भूटान में पहली बार संसदीय चुनाव किया गया। जिसमें राजा के सबसे बड़े बेटे जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक भूटान के पांचवें राजा चुने गए हैं।

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