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शब्द किसे कहते हैं - Shabd kise kahate hain

शब्द भाषा की सबसे छोटी इकाई है। जिसका एक अर्थ होता है। बिना अर्थ वाले अक्षर के जोड़ को हम शब्द नहीं मन सकते। एक शब्द अन्य शब्दों के साथ मिलकर वाक्य बनाती है। यह बोली और लिखि जाने वाली …

पुरस्कार कहानी का सारांश - Jaishankar prasad

हिन्दी में गद्य लेखन की एक विधा है। 19 वीं सदी में गद्य में एक नई विधा का विकास हुआ जिसे कहानी के नाम से जाना जाता है। पुरस्कार कहानी के नायक का नाम वरुण हैं और नायिका का नाम मधुलिका …

महात्मा गाँधी पर निबंध - Mahatma Gandhi Essay Hindi

अक्सर महात्मा गाँधी पर निबंध हिंदी के पेपर में आवश्यता आता है। तो चलिए एक अच्छा निबंध कैसे लिखते है जानते है। मैं आपको सलाह दूंगा की आप कोई भी निबंध हो उसे रटने का प्रयास न करे बल्कि उसे समझे या उसके…

जल संरक्षण पर निबंध - save water essay in Hindi

पृथ्वी का 97 प्रतिशत महासागरों और समुद्र में है जो बहुत खारा है जिसका उपयोग पीने के लिए नहीं किया जा सकता हैं। केवल तीन प्रतिशत पानी ही पीने योग्य है जिसमें से 2.4 प्रतिशत ग्लेशियरों में जमा हुआ है…

पर्यावरण पर निबंध - Environment essay in Hindi

निबंध एक लेखन प्रणाली है जिसके माध्यम से हम हमने भाव को दुसरो तक बहुचा सकते हैं। और लोगो को किसी समस्या के बारे में जानकारी देकर जागरूक कर सकते हैं। आज पर्यावरण से जुडी कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं…

पत्र लेखन क्या है - patra lekhan in hindi

पत्र लिखने की परंपरा सदियों से चली आ रही हैं। प्राचीन समय में पत्र दूर रहने वाले व्यक्ति तक सन्देश भेजने के लिए लिखे जाते थे। जिसे पोस्ट ऑफिस द्वारा भेजा जाता था। पत्र को पहुंचने में कई दिनों …

काल कितने प्रकार के होते हैं - tense in Hindi

काल किसे कहते हैं समय को ही काल कहा जाता है। क्रिया के जिस रूप से कार्य के होने का समय पता चले उसे काल कहते हैं। अथार्त कार्य – के समय और उसकी पूर्ण और अपूर्ण अवस्था के ज्ञान को काल कहते हैं। …

संज्ञा की परिभाषा उदाहरण सहित - sangya ki paribhasha

नमस्कार दोस्तों हिंदी व्याकरण में संज्ञा के बारे में आज बताने वाला हुं की संज्ञा क्या है और प्रकार कितने है। ये विषय हिंदी में बहुत महत्व रखता हैं। संज्ञा के ज्ञान से हिंदी वाक्य को समझने में …

रस कितने प्रकार के होते हैं - ras ke prakar

रस काव्य की आत्मा कहलाती है। जिस प्रकार शरीर का महत्व आत्मा के बिना कुछ नहीं है। उसी प्रकार बिना रस के कोई भी काव्य अधूरा होता है। अर्थात शब्द को हम शरीर मान सकते है और रस को आत्मा। रस …
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