स्क्रू (Screw) एवं वासर (Washer) चाबी और चाबी घाट
स्क्रू (Screw) एवं वासर (Washer)
Hello and Welcome Readers पिछले पोस्ट में हमने आपके साथ शेयर किया था। लॉकिंग युक्तियों में काम आने वाले नट-बोल्ट और उसके प्रकार के बारे में आज हम इसी लॉकिंग के लिए प्रयोग होने वाले स्क्रू (Screw) और नट-बोल्ट को झटके से बचाकर रोकने के लिए प्रयोग किये जाने वाले वासर (Washer) के बारे में जानने वाले हैं।
तो चलिए शुरू करते हैं स्क्रू (Screw) एवं वासर (Washer)
स्क्रू (Screw) क्या है? What is screw?
स्क्रू (Screw) एक प्रकार का ऐसा लॉकिंग टूल है जो की बोल्ट से काफी मतलब जो स्क्रू ड्राइवर (Screw Driver) के द्वारा आसानी से कसा जा सकता है मतलब टाइट किया जा सकता है छोटा होता है, और प्रायः इसके आगे का भाग नुकीला होता है। कई प्रकार के स्क्रू में ऐसा नुकीला भाग नही होता है। इसका मोटापन भी बोल्ट की अपेक्षा कम होता है।
स्क्रू किस पदार्थ का बना होता है?
What material is the screw made of?
स्क्रू प्रायः लोहा या स्टील का बना होता है कई नाजुक जगहों में यह हार्ड पीतल का भी बना होता है।
स्क्रू (Screw) का प्रयोग मशीनों में
स्क्रू (Screw) का प्रयोग मशीनों के छोटे-छोटे भागों को जोड़ने के लिए किया जाता है जो की वजन में भी हलके होते हैं और जो की प्रायः मशीन के मुख्य भाग से चिपके हुए रहते हैं। जैसे की बात करें हम कार के डोर की तो यह कार के डोर में हैंडल को चिपकाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा मशीनों में जब लेबल लगाया जाता तो प्रायः स्क्रू का ही प्रयोग किया जाता है।
स्क्रू (Screw) के मुख्य भाग कौन कौन से हैं?
Whats are the main point of screw
देखिये स्क्रू (Screw) के मुख्य तीन भाग होते हैं सबसे पहला भाग जो होता है वह उसका हैड है और जो की सुविधा के अनुसार अलग अलग प्रकार का होता है जैसे की बिना कट वाला जिसे टेम्पर वाला कहते हैं और दुसरा कट वाला होता है चौकोन भी होता है।
दुसरा मुख्य भाग इसका बॉडी होता है जिसमें विभिन्न प्रकार की चूड़ियां कटी होती हैं और यह चूड़ियां भी अलग अलग प्रकार से जरूरत के हिसाब से कटी होती है। इस प्रकार यह अलग अलग माप के और मोटाई के बने होती हैं जिसका प्रयोग आप जरूरत के हिसाब से कर सकते हैं।
स्क्रू का तीसरा भाग उसका टीप होता है अर्थात उसका नुकीला या चूड़ी का आखरी भाग जहां से वह मशीन के अंदर जाना प्रारम्भ करता है यह भी नुकीला या बेलनाकार होता है। यह जरूरत के हिसाब से अलग अलग प्रयोग कर सकते हैं लेकिन ज्यादातर स्क्रू में नुकीला होता है जिससे टाइट करते समय ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता नही होती है।
इन मुख्य भाग के पहले भाग हैड के अनुसार यहां पर चार प्रकार के स्क्रू के बारे में बताया गया है -
स्क्रू (Screw) के प्रकार (screws types)
- कैप स्क्रू (Cap Screw)
- कॉलर स्क्रू (Collar Screw)
- सोल्डर स्क्रू (Solder Screw)
- सैट स्क्रू (Sat Screw)
1. कैप स्क्रू (Cap Screw)- यहाँ कैप का अर्थ है कैप के ऊपर का हैड जो की अलग अलग प्रकार के होते हैं जैसे की चौकोर और छह कोनों वाला या गोलाई लिए। इस प्रकार यह होता है।
3. सोल्डर स्क्रू (Solder Screw)- इस प्रकार के स्क्रू टूल में ऊपर के भाग में एक होल होता है और इसके हैड की लम्बाई अन्य स्क्रू की अपेक्षा लम्बी होती है जैसे की यह कार के प्लग में यूज किया जाता है।
4. सैट स्क्रू (Sat Screw)- इस प्रकार के स्क्रू में ऊपर के भाग में क्रॉस कट होता है जिसमें पेचकस को फसाकर इसे टाइट किया जा सकता है इसका मत्था या हैड प्रायः गोल होता है।
इसके अलावा और भी अनेक प्रकार के स्क्रू पाए जाते हैं यहाँ पर हमने आपको उन्ही स्क्रू के बारे में बताया है जिनका उपयोग ज्यादा होता है।
वाशर (Washer)
वाशर न केवल डीजल मैकनिक के लिए उपयोगी है बल्कि यह विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग कोर्स करने वाले इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई के लिए और मशीनों में उपयोग होता है। इसे पढ़ने की सुविधा के लिए मैंने इसे निम्न भागों के माध्यम से बताने की कोशिश की है -
वाशर क्या है?
नट या बोल्ट तथा स्क्रू में भी इसका प्रयोग किया जाता है इसका प्रयोग नट-बोल्ट या स्क्रू को कसने से पहले किया जाता है यह उनके हैड और बॉडी के मध्य में होता है और यह जरूरत के हिसाब मोटा या पतला होता है।
वाशर का प्रयोग क्यों किया जाता है या किसलिए किया जाता है?
वाशर का प्रयोग करने से नट-बोल्ट या स्क्रू का दबाव का क्षेत्रफल बढ़ जाता है और इसके प्रयोग से चूड़ियों का भी बचाव किया जा सकता है। इसलिए प्रायः इसका उपयोग किया जाता है।
वासर कितने प्रकार के होते हैं?
- स्प्रिंग वासर
- प्लेन वासर
- लॉक वासर
1. स्प्रिंग वासर (Spring Washer)- यह स्प्रिंग द्वारा कटे हुए छल्ले के आकार का होता है इन वासरों को नट या बोल्ट के नीचे इतना टाइट किया जाता है की इसके दोनों सिरे आमने सामने व समतल हो जाते हैं इस वासर के कारण नट बोल्ट सरलता से ढीले नहीं हो पाता है।
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spring-washer |
2. लॉक वासर (Lock Washer)- इसको नटों अथवा बोल्टों को लॉक करने के लिए प्रयोग किया जाता है। प्रायः लॉक वासर में कुछ पत्तियाँ वासर के मुख्य व्यास से बाहर निकली हुई बनी रहती है। इन पत्तियों को नट या बोल्ट की पहल पर मोड़ दिया जाता है। इनका प्रयोग मुख्य रूप से कार, ट्रकों आदि गाड़ियों में किया जाता है।
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लॉक वासर |
3. प्लेन वासर (Plain Washer)- यह विभिन्न धातु का बनाया जाता है इनका आकार गोल चपटा होता है तथा बीच में होल रहता है इसके प्रयोग से बोल्ट या नट के नीचे समतल जगह हो जाती है इस कारण यह नट का दबाव पूरी सतह पर पड़ता है।
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प्लेन वासर |
चाबी और चाबी घाट Key and key valley
किसी एक घूमती हुई साफ्ट में दूसरे भाग से साफ्ट को घुमाने के लिए गेयर या पुली का प्रयोग किया जाता है यह गियर या पुली अपने साफ्ट पर घूम न जाए तथा एक इकाई बनकर साफ्ट घूम सके इसके लिए चाबी और चाबी घाट का प्रयोग किया जाता है। साफ्ट के अंदर साफ्ट खाँच कटा होता है। इस चाबी के बदले स्टील का टुकड़ा फिट कर दिया जाता है फलतः दोनों एक इकाई बन जाता है। यह पांच प्रकार का होता है-
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चाबी घाट |
- sunk key
- saddle key
- tangent key
- round key
- spline key
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चाबी |