मिंग राजवंश का इतिहास - ming dynasty of china

मिंग राजवंश - चीन का साम्राज्य जिसने 1368 से 1848 तक शासन किया था। इसकी स्थापना झू युआनज़ैंग ने की थी, जो एक किसान थे और बाद में सम्राट होंगवु के रूप में जाने गए। मिंग राजवंश को चीनी इतिहास में सबसे महान और सबसे प्रभावशाली राजवंशों में से एक माना जाता है।

इनके शासनकाल में संस्कृति और राजनैति का विकास हुआ था। इतिहासकारो का मानना है की मिंग राजवंश के समय ही चीन की महान दिवार को बनाने का कार्य किया गया था। यहाँ के राजा नहीं चाहते थे की कोई आक्रमणकारी चीन पर आक्रमण करे इसलिए अपने सीमा की रक्षा के लिए इन्होंने उत्तर की सीमा पर दिवार बनवाया।

मिंग राजवंश का इतिहास 

प्रारंभिक मिंग अवधि में शासन को मजबूत करने के लिए विभिन्न सुधारों को लागू किया। सम्राट होंगवु ने एक अत्यधिक केंद्रीकृत नौकरशाही प्रणाली की स्थापना की और भूमि वितरण प्रणाली में सुधार किया। उन्होंने कृषि और व्यापार को प्रोत्साहित किया तथा आम लोगों के कल्याण के लिए नीतियां बनाई।

मिंग राजवंश अपने सुंदर कला, साहित्य और संस्कृति के लिए जाना जाता है। इस युग में चित्रकला और हस्तकला का विकास तेजी से हुआ था। मिंग राजवंश के सबसे उल्लेखनीय वास्तुशिल्प चमत्कारों में से एक बीजिंग में स्थित निषिद्ध शहर है। यह शाही महल सम्राटों के निवास स्थान और राजनीतिक केंद्र के रूप में कार्य करता था।

मिंग राजवंश ने अपने साम्राज्य को बनाये रखने के लिए बहुत प्रयास किया लेकिन कुछ भ्रस्ट और कम अनुभवी राजाओ के कारण इनका कार्य कल समाप्त हो गया।

मिंग राजवंश का इतिहास

मिंग वंश के समय में विदेशो से व्यापर में बढ़ोतरी हुयी साथ ही सास्कृति का भी अदन प्रदान हुआ। इनके समय में कृषि का विकाश हुआ। जिसके कारण लोगो को अपने सस्कृति का विस्तार करने में आसानी हुयी। रेसम और चीनी मिटटी के बर्तन के उधोग में तेजी आयी। लोहा और तांबा की ढलाई तथा कागज व जहाज का निर्माण भी होने लगा था।

मिंग राजवंश के उत्तरार्ध में इसकी शक्ति में गिरावट, भ्रष्टाचार और विद्रोह का उदय हुआ। 1644 में ली ज़िचेंग के नेतृत्व में एक विद्रोह ने बीजिंग की राजधानी शहर पर कब्जा कर लिया और अंतिम मिंग सम्राट चोंगजेन ने आत्महत्या कर ली थी। इस घटना ने मिंग राजवंश के अंत और किंग राजवंश की शुरुआत को चिह्नित किया था।

मिंग वंश में चित्रकला 

मिंग वंश के पहले भी चित्रकला प्रचलित था लेकिन इस वंस के शासन में चित्रकला को विकसित होने का अवसान प्रदान हुआ। मांग वंश के चित्रों में अधिक रंगो का इस्तेमाल किया जाने लगा। सुलेख और चित्रकलामे बारीकी से कार्य किया जाने लगा। चित्रकला में नयी नयी शैलिया विकसित होने लगी।  वंश में पेंटिंग की श्रेणियों और विषयों में, पारंपरिक आकृति और फूल द्वीप पेंटिंग लोकप्रिय रहा। चीन की चित्र कला प्राचीन काल से ही समृद्ध रहा है। और चीन की लिपि भी चित्र लिपि है। 

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