मरुस्थल क्या होता है और यहां कितने प्रकार का होता है मरुस्थल को
हिंदी में मरुस्थल कहा जाता है। मरुस्थल का वातावरण कैसा होता है। और मरुस्थल
कितने प्रकार के होते है, तो चलिए जानते हैं मरुस्थल के बारे में।
मरुस्थल क्या है
मरुस्थल ऐसे क्षेत्र होते हैं जहां पर बारिश कम में होती है। मरुस्थल को
रेगिस्तान भी कहा जाता है। यहां
भारत में थार का
मरुस्थल बहुत ही प्रसिद्ध है और लोगों का मानना है कि मरुस्थल केवल रेतीली
ऐसी बंजर जमीन होती है जहां पर खेती बाड़ी या ऐसे ही कुछ भी काम नहीं किए जा
सकते जोकि हमारे फायदे के लिए हो।
मैं यहां पर आपको बताना चाहूंगा की मरुस्थल केवल रेतीली जमीन या बंजर जमीन से
नहीं होता बल्कि मरुस्थल बर्फ से जगह ढका हुआ ऐसा भी हो सकता है जहां पर
खेतीवाड़ी नहीं की जा सकती या ऐसे औद्योगिक काम नहीं किए जा सकते जो मानव के
लिए उपयोगी है। यहां पर मैं आपको उदाहरण के माध्यम से बता दूं कि अंटार्कटिक
भी एक मरुस्थल ही है जो विश्व का सबसे बड़ा मरुस्थल है और यहां पर पूरा बर्फ
जमा होता है यहां मौसम का कोई प्रभाव नहीं होता यहां हमेशा बर्फ जमा रहता है।
एक प्रकार से यहां एक बंजर जमीन ही है जो हमारे हिसाब से या भूगोल शास्त्रों
के हिसाब से एक मरुस्थली है।
मरुस्थल के प्रकार
देखिए दोस्तों मरुस्थल को अगर हम उनके प्रकारों को उनकी विशेषताओं के आधार पर
बांटे तो हमें आसानी होगी तो इस प्रकार से मैंने यहां पर मरुस्थल को निम्न
प्रकारों में बांट कर आपको बताने की कोशिश की है। यहां पर मैंने जलवायु के
आधार पर मरुस्थल को बांटा है।
जल पात की दृष्टि से
जलपात ऐसे क्षेत्र होते हैं जहां पर जल का बहुत बड़ा भंडार होता है और यहां
इसके सिवा और कुछ नहीं होता तो यह एक प्रकार का मरुस्थल हुआ ठीक है तो ऐसे
मरुस्थल बहुत सारे हैं आप पूरे विश्व में।
तापमान की दृष्टि से मरुस्थल
अगर बात करी तापमान की तो यह पूरे विश्व में अलग अलग होता है और इसके आधार पर
मरुस्थल भी अलग-अलग प्रकार के हैं जैसे भारत के मरुस्थल की बात करें तो यहां
पर भारत का जो थार का मरुस्थल है वह उष्ण कटिबंधीय मरुस्थल है और जो अन्य देश
है वहां के मरुस्थल भी इसी प्रकार तापमान पर निर्भर करते हैं। इसे और अन्य
प्रकारों में बांटा जा सकता है। जैसे उष्णकटिबंधीय शीतोष्ण और उपोष्ण आदि
वृष्टि छाया क्षेत्र
ऐसे क्षेत्र जहां पर वृक्ष बादलों को आगे बढ़ने नहीं देते और उनके आगे का जो
क्षेत्र होता है वह बंजर हो जाता है जिसके कारण मरुस्थल कहलाता है।
पर्वतीय क्षेत्र
ऐसे क्षेत्र जहां पर वर्षा नहीं होती।ऐसे पर्वती क्षेत्र के उदाहरण के रूप
में हम हिमालय को ले सकते हैं जहां पर वर्षा नहीं होती है और इसे हम मरुस्थल
की श्रेणी में रख सकते हैं।
मरुस्थल की पहचान
मरुस्थल को पहचान कैसे सकते हैं इसका आधार एक है कि यह क्षेत्र बंजर होता है
और यहां पर नग्न रूप से पेड़ पौधे पाए जाते हैं और जो कटीले होते हैं ज्यादा
पत्तेदार नहीं होते क्योंकि वहां पानी का अभाव होता है और जहां बर्फीले इलाके
होते हैं वहां पर उस वातावरण के हिसाब से ही पेड़ पौधे पाए जाते हैं। प्रायः
मरुस्थल के रूप में उन्हीं स्थानों को रखा गया है जहां पर वर्षा कम होती है।
अगर बात क्यों नहीं रहती ले मरुस्थल की तो यहां हमारे पृथ्वी में मात्र 20%
ही है और जो कि बहुत कम मात्र है। दैनिक तापमान में विभिन्नता के कारण
मरुस्थल में विभिन्नता पाई गई है।और लगभग सभी मरुस्थल समतल पृष्ठ भूमि के
होते हैं पहाड़ी इलाकों की बात करें तो यहां पर जमीन पठार के रूप में एक
क्षेत्र होता है जो बंजर होता है तो इसे मरुस्थल कर सकते हैं।
कुछ प्रसिद्ध मरुस्थल
आटाकामा मरुस्थल - अमेरीका
ये मरुस्थल
दक्षिण अमेरिका
में है यह कैलिफोर्निआ में स्थित मौत की घाटी से 50 गुना सूखा है। चिली
में स्थित अटाकामा desert 40,600 मिल में फैला हुआ है। इसका अधिकांश नमक
सलारेस ,रेत और बहते लावा से बना है।
थार मरुस्थल - भारत
यह भारत के
उत्तर - पश्चिम में स्थित है ज्यादातर भाग
राजस्थान
में आता है। कुछ भाग
पाकिस्तान में स्थित है परन्तु हरियाणा , पंजाब और गुजरात में कुछ भाग आता है।
अरावली पर्वत
के पश्चिम में थार रेगिस्तान स्थित है।
सहारा मरुस्थल - अफ्रीका
यह विश्व का सबसे बड़ा मरुस्थल है। सहारा नाम अरबी शब्द से लिया गया है।
जिसका अर्थ होता है मरुस्थल। यह
अफ्रीका के
उत्तर में स्थित है। जिसकी लम्बाई 5600 किलोमीटर और चौड़ाई 1300 किलोमीटर
में फैला है। क्षेत्रफल के हिसाब से यूरोप के बराबर है। और भारत से दो
गुना बड़ा है। माली , अल्जीरिया , मोरक्को , मुरितानिया , ट्यूनीशिया ,
लीबिया , नाइजर , चढ़ , सूडान ,और मिस्र देशो तक फैला है।
गोबी मरुस्थल - मंगोलिया
यह मरुस्थल चीन और मंगोलिया में है। यह सबसे बड़े मरुस्थलों में से एक
है। गोबी को ठन्डे मरुस्थलों में गिना जाता है।
एशिया महाद्वीप के मगोलिया देश में अधिकांश भाग फैला है। गोबी शब्द मंगोलियन भाषा
से लिया गया है जिसका अर्थ है - ' जलहरी स्थान ' आज गोबी एक रेगिस्तान है
लेकिन प्राचीन काल में ऐसा नहीं था। यहाँ पर प्राचीन कल में समृद्ध
भारतीय बस्तियां बसी थी। गोबी एशिया का सबसे बड़ा और संसार का 5 वा बड़ा
रेगिस्तान है।
कालाहारी मरुस्थल
यह रेगिस्तान अफ्रीका के दक्षिण क्षेत्र में स्थित है। कालाहारी
मरुस्थल का क्षेत्रफल 9 लाख वर्ग किलोमीटर है। इस रेगिस्तान में
लगभग 8 - 19 सेमी वर्षा होती है। यह उष्ण कटिबंधीय मरुस्थल है। यहाँ
कुछ जगहों में साल के तीन महीने बारिश होती है। जिसके कारण
पौधे उग जाते है। 1980 में यहाँ पर जीव संरक्षण के कार्यक्रम चलाये गए
थे। कालाहारी में कई रंग के रेत पाए जाते है।
ग्रेट विक्टोरिया मरुस्थल
यह ऑस्ट्रेलिया का एक महत्वपूर्ण रेगिस्तान है। इसका क्षेत्रफल
338000 वर्ग किलोमीटर है। विक्टोरिया रेगिस्तान में रेतीले टीलों का
भरमार पाया जाता है। रेगिस्तान की उचाई 500 से 1000 फुट है। यह पर समतल
क्षेत्र भी होते है जो छोटे - छोटे चम चमते पत्थर से भरे होते है।
कोहरा मरुस्थल - अमेरिका
कोहरा रेगिस्तान ऐसे desert को कहा जाता है। जहा अधिकतर जल कोहरे के नमी
से आती है। इस मरुस्थल में जानवरो और पौधों को इसी से पानी मिलता है।
दक्षिण अमेरिका में चिली के तट पर स्थित आटाकामा desert , अफ्रीका में
नामीब desert , उत्तर अमेरिका में कैलिफोर्निया रेगिस्तान अरबी प्रायदिव
में कोहरा डेजर्ट इसके उदाहरण है।